CG News: छत्‍तीसगढ़ के पांच मेडिकल कालेजों को कमियां करनी होगी दूर, नहीं तो देना होगा जुर्माना"/>

CG News: छत्‍तीसगढ़ के पांच मेडिकल कालेजों को कमियां करनी होगी दूर, नहीं तो देना होगा जुर्माना

छत्‍तीसगढ़ के पांच मेडिकल कालेजों को फैकल्टी व जरूरी संसाधनों की कमी को दूर करने के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने दो माह की मोहलत दी है। इस दौरान कमियां दूर नहीं हो पाती हैं तो जुर्माना वसूला जाएगा।

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के पांच मेडिकल कालेजों को फैकल्टी व जरूरी संसाधनों की कमी को दूर करने के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने दो माह की मोहलत दी है। इस दौरान कमियां दूर नहीं हो पाती हैं तो जुर्माना वसूला जाएगा। साथ ही कालजों की मान्यता भी समाप्त हो सकती है। एनएमसी ने एमबीबीएस की सीटें कम करने की भी चेतावनी दी है।एनएमसी ने कांकेर मेडिकल कालेज पर एक करोड़, दुर्ग पर चार लाख, बिलासपुर-अंबिकापुर पर तीन-तीन लाख, महासमुंद व जगदलपुर पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मेडिकल कालेजों पर एनएमसी आनलाइन नजर रखती है। कालेजों को समय-समय पर कमियां दूर करने को लेकर दिशा-निर्देश भी देती है।

विगत कुछ दिनों पहले एमएमसी ने वर्चुअल बैठक ली थी, जिसमें प्रदेश के सभी शासकीय मेडिकल कालेजों के डीन और प्रोफेसर जुड़े थे। कालेजों में फैकल्टी की गिनती की गई तो काफी कमियां मिलीं। कांकेर, महासमुंद और कोरबा में अब तक कालेज की खुद की बिल्डिंग नहीं बन पाई है।

एमआरआइ, सीटी स्कैन जैसी जरूरी जांच की मशीनों की कमी भी मिली। मेडिकल कालेजों के लैब में रीएजेंट की कमी को भी एनएमसी ने कमी माना। कुछ डाक्टर अवकाश पर हैं, जिन्हें अनुपस्थित माना गया। मेडिकल कालेजों के जवाब से एमएमसी के अधिकारी संतुष्ट नहीं हुए थे।

एमबीबीएस की परीक्षा एक जुलाई से, होगी वीडियो रिकार्डिंग

राजधानी के मेडिकल कालेज में पिछले साल बढ़ी सीटों पर प्रवेश लेने वाले छात्रों की परीक्षा एक जुलाई से शुरू होगी, जो करीब एक सप्ताह चलेगी। परीक्षा की वीडियो रिकार्डिंग भी की जाएगी, जिसे एनएमसी को भेजा जाएगा। मेडिकल कालेज में एनएमसी से 50 सीटों की मंजूरी मिलने के बाद एमबीबीएस की सीटें बढ़कर 200 हो गई थी, जिसे वर्ष-2023-24 के शैक्षणिक सत्र से लागू किया गया था। इन 200 सीटों के अलावा आर्थिक कमजोर वर्ग के स्टूडेंट्स के लिए 30 सीटें अतिरिक्त हैं।

मेडिकल कालेज में वर्ष-1963 में एमबीबीएस की 60 सीटों के साथ शुरूआत हुई थी। वर्ष-1976 में यह संख्या 100 हुई। वर्ष-2009 में तीसरी बार सीटों की संख्या बढ़ाकर 150 की गई थी। मेडिकल कालेज के प्रोफेसरों का कहना है कि बढ़ी सीटों की पहली परीक्षा होगी। एनाटामी, फिजियोलोजी और बायोकमेस्टी विषयों की परीक्षा में 230 छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। सफलतापूर्वक परीक्षा संपन्न हाेने के बाद ही बढ़ी हुई सीटें स्थायी होगी।

एनएमसी सेल के चेयरमैन डा. अरविंद नेरल ने बताया कि मेडिकल कालेज को अनुमति के नवीनीकरण के लिए वीडियो रिकार्डिंग जमा करना आवश्यक है। रिकार्डिंग और दस्तावेज जमा करने में विफल रहने पर उचित कार्रवाई भी होती है। आर्थिक कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए 50 करने के लिए भी एनएमसी को पत्र भेजा गया है।

डीएमई डा. यूएस पैकरा ने कहा, एनएमसी की ओर से समय-समय पर मेडिकल कालेजों की बैठक ली जाती है। मौखिक रूप से जुर्माना लगाया गया है। मेडिकल कालेजों में फैकल्टी की कमी को जल्द से जल्द दूर किया जाएगा।

 

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