CG News: नक्सल पुनर्वास नीति में होगा बदलाव, आत्मसमर्पित नक्सलियों को मनचाहे गांव या शहर में मिलेगा आवास, सरकार देगी 10 लाख रुपये"/> CG News: नक्सल पुनर्वास नीति में होगा बदलाव, आत्मसमर्पित नक्सलियों को मनचाहे गांव या शहर में मिलेगा आवास, सरकार देगी 10 लाख रुपये"/>

CG News: नक्सल पुनर्वास नीति में होगा बदलाव, आत्मसमर्पित नक्सलियों को मनचाहे गांव या शहर में मिलेगा आवास, सरकार देगी 10 लाख रुपये

छत्तीसगढ़ सरकार नक्सल पुनर्वास नीति में बदलाव करने जा रही है, जिसके चलते नक्‍सलियों को उनकी पसंद के शहर अथवा गांव में मकान दिया जाएगा। साथ ही सरकार स्वरोजगार के लिए भी कम ब्याज पर लोन देगी।

HIGHLIGHTS

  1. नक्सल पुनर्वास नीति में बदलाव करेगी छत्तीसगढ़ सरकार
  2. कौशल विकास की योजनाएं चलाई जाएंगी करेगी
  3. पुलिस न्यायालयीन प्रकरणों को सुलझाने में भी मदद

 रायपुर। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार नक्सल पुनर्वास नीति में बदलाव करने जा रही है। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार आत्मसमर्पितों को निवास के लिए मनचाहे शहर या गांव का विकल्प दिया जाएगा। मकान ऐसा होगा जिसमें उनका पूरा परिवार एक साथ रह सके। रोजगार के लिए कौशल विकास की योजनाएं चलाई जाएंगी। इसके तहत उन्हें प्रशिक्षण मिलेगा। स्वरोजगार चाहने वाले आत्मसमर्पित नक्सलियों को कम ब्याज पर लोन मिलेगा। इसके अलावा पुलिस उनके न्यायालयीन प्रकरणों को सुलझाने में भी मदद करेगी।

मौजूदा पुनर्वास के प्रावधान के अंतर्गत आत्मसमर्पितों को किराए का मकान दिया जाता है। पुनर्वास की राशि, उनके रोजगार, बच्चों की शिक्षा समेत अन्य सुविधाएं मिलती हैं, जिसमें देरी की शिकायतें हैं। अब कोई हत्या या लूट के आरोपी आत्मसमर्पित नक्सली पर कार्रवाई नहीं होगी। पुलिस उसके न्यायालयीन प्रकरणों को सुलझाने में मदद करेगी।

लोकसभा चुनाव के बाद लागू हो सकती है नीति

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी यह कहकर संकेत दे चुके हैं कि हमारी पुनर्वास नीति के कारण नक्सली आत्मसमर्पण भी कर रहे हैं। हम देख रहे हैं कि इस नीति में और नया बेहतर हो सकता है, साथ ही नई पुनर्वास नीति लाने पर विचार किया जा रहा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि लोकसभा चुनाव के बाद राज्य सरकार संशोधित पुनर्वास नीति लागू कर सकती है।

चार महीने की विष्णुदेव सरकार में अब तक 112 नक्सली ढेर हुए हैं। तीन वर्ष के भीतर नक्सलियों को पूरी तरह समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जिस रोडमैप को हरी झंडी दी है। उसे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उप मुख्यमंत्री व गृह मंत्री विजय शर्मा आगे बढ़ा रहे हैं। दावा है कि चार महीने के भीतर 375 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण किया है। 153 गिरफ्तार किए गए, नक्सल क्षेत्र में 28 सुरक्षा कैंप खुले, 143 आईडी बरामद किए गए हैं।

naidunia_image

50 कैंप और खुलेंगे

प्रदेश के नक्सल क्षेत्र में अभी 400 सुरक्षा कैंप हैं। इनमें 28 कैंप भाजपा सरकार में खोले गए हैं। अभी 50 कैंप और खोले जाएंगे। जहां सुरक्षा कैंप खुलता है वहां से सुरक्षा बल के जवान 25-30 किलोमीटर के दायरे में सर्चिंग करते हैं। पिछले चार महीने में जवान नक्सलियों के कैंप तक घुसने में कामयाब हुए हैं।

सुकमा जिले के अतिसंवेदनशील क्षेत्र में मौजूद पूवर्ती गांव मोस्ट वांटेड नक्सली हिड़मा का पैतृक गांव है। सुरक्षाबल के जवानों के द्वारा यहां भी पुलिस कैंप खोला गया। इसी तरह सिलगेर, टेकलगुड़ा, जोनागुड़ा जैसे संवेदनशील गांवों सरकार की योजनाएं पहुंची हैं। यहां इस बार लोकतंत्र भी जीता, चुनाव आयोग ने भी मतदान करवाने में सफलता पाई।

अभी यह है नक्सल उन्मूलन की नीति

समिति कर रही काम

वर्तमान नीति में नक्सल व्यक्तियों या परिवारों और आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास के लिए जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति का प्रावधान है। पुनर्व्यस्थापन में कठिनाई होने पर राज्य स्तर पर अपर मुख्य या प्रमुख सचिव गृह की अध्यक्षता में समिति गठित है। पुनर्वास के लिए विभिन्न विभागों के अनेक प्रकार के लाभ और सुविधाएं दी जाती हैं। कुछ प्रकरणों में देरी की भी शिकायत है,अब तत्काल सुविधा मिलेगी।

प्रोत्साहन राशि व सुविधा

प्रत्येक नक्सली को समर्पण पर प्रोत्साहन के लिए 25 हजार रुपये की राशि देने का नियम है। नक्सल पीड़ित के समान ही आत्मसमर्पित नक्सलियों को सुविधाएं देने का प्रावधान है। सक्रिय, पांच लाख या अधिक के इनामी नक्सली को आत्मसमर्पण पर 10 लाख की राशि पृथक से देने, समर्पित हथियार के बदले देय मुआवजा राशि का प्रावधान है। यह राशि बैंक में सावधि जमा की जाती है और इसका ब्याज समर्पित नक्सली को मिलता है। तीन साल बाद चाल चलन की समीक्षा उपरांत यह राशि प्रदान किए जाने का प्रावधान है। यदि समर्पित नक्सली द्वारा तीन वर्ष के भीतर कृषि भूमि क्रय की जाती है तब दो एकड़ तक भूमि पर स्टांप ड्यूटी व पंजीयन शुल्क में पूर्ण छूट देने का प्रावधान है।

naidunia_image

सहायता करने पर भर्ती

अभी नक्सल पीड़ित या आत्मसमर्पित नक्सली जिसके द्वारा नक्सल विरोधी अभियान में पुलिस को विशेष सहयोग दिया जाता है और जिसे इस कारण स्वयं की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो गया हो, ऐसे प्रकरणों में पुलिस महानिरीक्षक रेंज उसे पुलिस विभाग में निम्नतम पदों पर भर्ती करते हैं।

बंदूक और विकास से नक्सलवाद पर वार

विष्णुदेव सरकार ने बंदूक और विकास से नक्सलवाद के खिलाफ समानांतर लड़ाई लड़ने की कार्य योजना बनाई है। नक्सल हिंसा से पीड़ित परिवारों तक नियद नेल्लानार योजना के तहत बुनियादी सुविधा पहुंचाने के लिए लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए इन परिवारों का सर्वे किया जा रहा है। सुरक्षा कैंप के माध्यम से नक्सलियों को खदेड़ने के बाद यहां प्रशासन की टीम गांव में पहुंचकर लोगों को बुनियादी सुविधा मुहैया कराएगी। यह कार्यक्रम निरंतर चलाने की योजना बनी है।

राज्य में नक्सल पुनर्वास नीति में बदलाव पर विचार किया जा रहा है। हम खून-खराबा नहीं चाहते। मैंने तो नक्सलियों से हाथ जोड़कर अपील की है कि वह मुख्यधारा में लौटे और हम वार्ता के लिए तैयार हैं। -विजय शर्मा, उप मुख्यमंत्री व गृह मंत्री, छत्तीसगढ़

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button