सीएसआर फंड की लूट पर लगाम की तैयारी, नियम बदला तो 1,000 करोड़ रुपये मिलेंगे, उद्योग मंत्री ने CM को लिखी चिट्ठी
HIGHLIGHTS
- -उद्योग मंत्री ने नियमों में बदलाव की उठाई मांग
- अभी सीएसआर राशि के व्यय का अधिकार राज्य सरकार को नहीं
रायपुर। वाणिज्य, उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर कार्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) की राशि का राज्य सरकार के माध्यम से खर्च कराने का आग्रह किया है। इसके लिए उन्होंने नियमों में बदलाव कराने की मांग उठाई है।
जानकारी के मुताबिक सीएसआर मद पहले राज्य शासन में आता था जिस पर संशोधन कर केंद्र सरकार ने बंद कर दिया है। कंपनियों द्वारा वहां के निवासियों की मांग के अनुसार काम होता है। अब राज्य शासन के पास न ही फंड आता है न ही राज्य के अधिकार क्षेत्र में हैं। इस पर विधानसभा में भी भाजपा के विधायकों ने मुद्दा उठाया था।
मंत्री देवांगन ने मुख्यमंत्री साय को लिखे पत्र में सीएसआर मद के व्यय व निर्माण कार्य राज्य सरकार को सौंपने के लिए केंद्र सरकार से आवश्यक समन्वय बनाने का आग्रह किया है। मंत्री ने उल्लेख किया है कि सीएसआर फंड में कितना खर्च किया गया इसकी जानकारी सरकार को नहीं दी जा रही है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में कंपनी एक्ट के नियमों के मुताबिक सीएसआर फंड का उपयोग स्वयं उद्योगों द्वारा किया जाता है।
स्पष्ट नीति-नियमों की जरूरत
उद्योग मंत्री ने कहा कि सीएसआर का व्यय शासन स्तर पर किया जाए तो उद्योगों से प्रभावित लोगों की मूलभूत सुविधाओं में वृद्धि हो पाएगी। आदिवासी अंचल से लेकर ग्रामीण,शहरी, अर्धशहरी क्षेत्रों में लोगों के लिए कई काम हो सकते हैं। साथ ही पर्यावरण को रहे नुकसान की भरपाई की जा सकी है। सीएसआर मद से होने वाले व्यय व निर्माण कार्य के संबंध में स्पष्ट नीति नियम बनाने की आवश्यकता है।