Amjad Khan Love Story: 14 साल की उम्र में पड़ोस की लड़की से अमजद खान को हो गया था प्यार, ‘भाई’ बोलती थी तो होते थे गुस्सा
HIGHLIGHTS
- फिल्म का किरदार गब्बर सिंह एक ऐतिहासिक किरदार रहा।
- उस रोल को अमजद खान से बेहतर कोई नहीं निभा सकता था।
- बचपन से ही अमजद, शैला को पसंद करते थे।
एंटरटेनमेंट डेस्क, इंदौर। Amjad Khan Love Story: बॉलीवुड की ऐसी कई फिल्में रही हैं, जो आज तक काफी फेमस हैं। इन फिल्मों के गानों से लेकर एक-एक डायलॉग तक लोगों को सब कुछ याद है। इन्हीं में से एक साल 1975 में रिलीज हुई फिल्म शोले है। शोले फिल्म का हर एक किरदार और डायलॉग लोगों को हमेशा याद रहने वाला है। इस फिल्म का किरदार गब्बर सिंह एक ऐतिहासिक किरदार रहा। उस रोल को अमजद खान से बेहतर कोई नहीं निभा सकता था। इस फिल्म का निर्माण रमेश सिप्पी ने किया था। इस फिल्म से अमजद खान का डायलॉग “अरे ओ सांभा कितने आदमी थे?” आज भी खूब फेमस है।
14 साल की उम्र से ही पीछे पड़े थे अमजद
शोले फिल्म से गब्बर सिंह एक ऐसा डाकू था, जिसका नाम बच्चों को डराने के लिए लिया जाता था। ये बेहद ही खूंखार है। जितने निर्दयी अमजद इस फिल्म में दिखाई दिए है, उतने ही वे असल जिंदगी में नरम दिल इंसान थे। साल 2011 में उनकी पत्नी ने एक इंटरव्यू के दौरान अमजद खान की लव स्टोरी के बारे में बताया था।
उन्होंने बताया कि कैसे जब वे 14 साल की थीं, तो अमजद उनका पीछा करते थे। वे चाहते थे कि उनकी शादी हो जाए। अमजद खान की पत्नी का नाम शैला खान है। शैला वे कहा कि वे अमजद को काफी छोटी उम्र से ही जानती थीं, क्योंकि वे पड़ोसी थे और अक्सर साथ में बैडमिंटन खेलते थे।
शैला के पिता ने ठुकरा दिया था प्रस्ताव
दरअसल, बचपन से ही अमजद, शैला को पसंद करते थे। जब शैला उन्हें भाई कहती थी, तो वे ऐसा कहने को मना करते थे। शैला ने बताया, “जब मैं एक दिन स्कूल से लौट रही थी, तभी वह मेरे पास आए और बोला, क्या तुम्हें शैला का मतलब पता है। इसका मतलब है काली आंखों वाला, फिर उन्होंने कहा, जल्दी करो और बड़ी हो जाओ क्योंकि मैं तुमसे शादी करने वाला हूं।”
इसके बाद खान ने शैला के पिता को शादी के लिए शैला से शादी के लिए प्रस्ताव भेजा। लेकिन उन्होंने मना कर दिया, जिससे एक्टर नाराज हो गए। इस पर एक्टर ने शैला से कहा कि आपने मेरा शादी का प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया है, अगर यह मेरा गांव होता, तो हम आपके परिवार की तीन पीढ़ियों को मिटा देते।
ऐसे इंप्रेस करते थे अमजद
इसके बाद शैला के पिता ने उन्हें खान से दूर रखने के लिए अलीगढ़ भेज दिया, जहां उन्होंने अपनी आगे के पढ़ाई की। अलीगढ़ में शैला को खान से हर दिन एक पत्र मिलता था। एक समय जब शैला काफी बीमार हो गईं, तो वे मुंबई वापस लौट आईं।
शैला ने बताया, “अमजद ने फारसी में मास्टर्स किया था, जो कि मेरी भी दूसरी भाषा थी, तो वे मुझ फारसी सिखाते थे। ऐसे में हम साथ समय बिताते थे। कई बार फिल्म देखने भी जाते थे। मुझे वेफर्स काफी पसंद थे, तो वे मुझे चिप्स से इंप्रेस करते थे। उनसे मिलने के बाद ही मैं बड़ी हुई। मैंने अपनी पहली फिल्म मोमेंट टू मोमेंट, उनके साथ ही देखी थी।”
एक बार फिर अमजद ने शैला के माता-पिता से पूछा कि क्या वे उनकी बेटी से शादी कर सकते हैं। इस बार उन्हें मंजूरी मिल गई। दोनों ने साल 1972 में शादी की। साल 1973 में उनके पहले बच्चे शादाब का जन्म हुआ। इसी दिन अमजद ने शोले साइन की थी।