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Power Cut In Bilaspur: छंटाई न कटाई, कटआउट बाक्स से ढक्कन गायब, क्यों न रुलाए बिजली

HIGHLIGHTS

  1. क्यों न रुलाए बिजली
  2. मेंटेनेंस के अभाव में बार- बार बंद हो रही शहर की बिजली सप्लाई
  3. मानसून में हालत होगी बदतर

 बिलासपुर बिजली वितरण कंपनी बेहतर सुविधा देने की चाहे, जितनी भी दावे करें हकीकत यह है कि शहर की बिजली सप्लाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। उपभोक्ता बार-बार बिजली बंद होने से परेशान है। सबसे ज्यादा नाराजगी इस बात को लेकर है कि फ्यूज काल सेंटर में शिकायत दर्ज नहीं होती। अफसरों का फ्यूज काल सेंटर पर लगाम नहीं है। इसके अलावा खंभों से फाइबर बाक्स व कट आउट बाक्स के ढक्कन गायब है। बिजली बंद होने की एक बड़ी वजह से यह भी है। इसके बाद भी मेंटेनेंस करने का कार्य ठंडे बस्ते में चला गया है।

 

गर्मी का सीजन शुरू हो गया है। लोग पंखा, कूलर व एसी में रहना पसंद करते हैं। इसके चलते ही बिजली खपत भी बढ़ी है और लोड का दबाव भी है। इसके चलते सप्लाई पर असर भी पड़ रहा है। वर्तमान में जिस स्थिति में शहर की बिजली सप्लाई व्यवस्था है, वह बता रही है कि बिजली कंपनी ने इसकी अनदेखी कर रही है। दिन में कम से कम 10 से 12 बार बिजली बंद होना सामान्य बात हो गई है। कभी सप्लाई तत्काल चालू हो जाती है तो कई बार घंटों बिजली बंद रहती है। मंगला क्षेत्र में तो स्थिति सबसे बदत्तर है। इसका सबसे बड़ा कारण यहां बिजली उपकरणों की स्थिति है। महर्षि स्कूल रोड, दीनदयाल रोड, राजा बाड़ा घुरुवा रद्दा, आजाद चौक, अभिषेक बिहार समेत इस क्षेत्र के किसी भी हिस्से में चले जाइए, वहां के कट आउट बाक्स में ढक्कन नहीं है। इसके अलावा पेड़ों से तार सटे हुए हैं। खंभे से लोगों के घरों में कनेक्शन देने के लिए जो फाइबर बाक्स लगाए जाते हैं, वह भी गायब ही मिलेंगे।

लोगों को कहना है कि उपकरणों की यह हालत कई साल से इसी तरह है। इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों के अलावा मैदानी अमले को हैं। इसके बावजूद अव्यवस्था सुधारने के लिए कोई ध्यान नहीं देता। किसी भी समय बिजली गुल हो जाती है। इसके बाद जब फ्यूज काल सेंटर को बंद की सूचना देने की कोशिश की जाती है तो डेढ़ से दो घंटे लग जाते हैं। इसके बाद भी शिकायत दर्ज हो जाए, इसकी गारंटी नहीं है। तेलीपारा, जूना बिलासपुर, सरकंडा, कुदुदंड के रहवासी भी बिजली समस्या से जूझ रहे हैं। तालापारा, भारतीय नगर, अज्ञेय नगर में भी उपभोक्ताओं को बिजली की बेहतर सुविधा नहीं मिल पा रही है। यहां भी बिजली बंद होने के बाद सप्लाई सुचारू होने में घंटों लग जाते हैं। इसका बड़ा कारण अफसरों का फ्यूज काल सेंटरों पर शिकंजा न कस पाना है।

 

मानसून में हालत होगी बदतर

अभी गर्मी का सीजन है। इसके बाद मानसून आएगा। लोग मानसून सीजन को लेकर अभी से चिंतित हैं। उनका कहना है कि मेंटेनेंस के नाम पर कंपनी केवल औपचारिकता पूरी करती है। यही कारण है कि जरा सा अंधड़ चलने से बिजली बंद हो जाती है। इसके बाद सप्लाई सुचारू होने में घंटों समय लग जाता है। यही स्थिति रही तो वर्षा के सीजन में उपभोक्ताओं को घंटों बिना बिजली सुविधा के गुजारना पड़ेगा।

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