Hoshangabad Lok Sabha Election: मोदी के ‘दर्शन’ ने होशंगाबाद के चुनाव को बनाया रोचक, कांग्रेस के दिग्ग्जों ने बनाई दूरी"/>

Hoshangabad Lok Sabha Election: मोदी के ‘दर्शन’ ने होशंगाबाद के चुनाव को बनाया रोचक, कांग्रेस के दिग्ग्जों ने बनाई दूरी

HIGHLIGHTS

  1. राहुल गांधी, प्रियंका या मल्लिार्जुन खरगे जैसे कोई बड़ा दिग्गज होशंगाबाद नहीं पहुंचा।
  2. भाजपा ने यहां दर्शन सिंह चौहान पर दांव लगाया है।
  3. कांग्रेस ने संजय शर्मा पर भरोसा जताया, जो दबंग होने के साथ अनुभवी हैं।

Hoshangabad Lok Sabha Election 2024: राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अप्रैल को होशंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नर्मदापुरम जिले के पिपरिया में आमसभा कर अनुसूचित जाति-जनजाति, किसान, युवा और महिलाओं के लिए जो ‘दर्शन’ दिया, उसने चुनाव को रोचक बना दिया है। राहुल गांधी, प्रियंका या मल्लिार्जुन खरगे जैसे कोई बड़ा दिग्गज होशंगाबाद नहीं पहुंचा। यहां 12 उम्मीदवार मैदान में हैं।

भाजपा ने नए चेहरे के रूप में किसान मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी वर्ग के दर्शन सिंह चौहान पर दांव लगाया है। वहीं, कांग्रेस ने संजय शर्मा पर भरोसा जताया, जो दबंग होने के साथ अनुभवी हैं। एक बार भाजपा तो एक बार कांग्रेस से विधायक रह चुके हैं। यहां संघर्ष दर्शन सिंह और संजय शर्मा के बीच माना जा रहा है।

मध्य प्रदेश के अन्य क्षेत्रों की तरह यहां भी चर्चा मोदी गारंटी की ही है और मुद्दा भी यही है। भाजपा ने जहां मोदी गारंटी को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी तो कांग्रेस मोदी गारंटी के नाम पर वादाखिलाफी का आरोप लगाती रही। प्रचार में धान और गेहूं के समर्थन मूल्य का मुद्दा भी खूब उछला।

भाजपा की ओर से गेहूं के समर्थन मूल्य के ऊपर 125 रुपये बोनस देने की बात कही तो कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में धान के 3100 और गेहूं के 2700 रुपये की बात उठाकर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। दरअसल, पूरा लोकसभा क्षेत्र कृषि प्रधान है इसलिए फोकस इसी पर रहा।

दर्शन सिंह चौधरी की छवि किसान नेता की है तो संजय शर्मा दबंग के साथ-साथ अनुभवी हैं। भाजपा के चुनाव की कमान प्रदेश के स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह के हाथ में रही, जो यहां से तीन बार सांसद रह चुके हैं। पिछले चुनाव में वे प्रदेश में सर्वाधिक मतों के अंतर से जीते थे।

मोदी-कमल नाथ पहुंचे

भाजपा के बड़े नेताओं में यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा हुई तो कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ पहुंचे। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभाएं कीं तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, अरुण यादव, विवेक तन्खा ने मोर्चा संभाला। कांग्रेस के बड़े नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, पूर्व विधायक अर्जुन पलिया, सतपाल पलिया समेत कई कांग्रेस नेता बीच चुनाव में पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए।

 

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