Bihar Lok Sabha Election 2024: चुनावी मंझधार में मांझी की नाव, जानिये क्या हैं इस बार गया और पूर्णिया सीट के समीकरण
HIGHLIGHTS
- पूर्व सीएम जीतन राम मांझी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा से चुनाव लड़ रहे हैं।
- गया में पहले चरण का चुनाव 19 अप्रैल को होगा
- पूर्णिया में दूसरे चरण के चलते 26 अप्रैल को मतदान होगा।
राज्य ब्यूरो पटना। लोकसभा चुनाव में भाजपा को बिहार से काफी उम्मीदें हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यहां जनसभाएं कर रहे हैं। आज यहां उनकी सभाएं गया एवं पूर्णिया में बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं। वे इससे पहले जमुई और नवादा में जनसभाएं कर चुके हैं। जहां तक गया सीट की बात है, यहां पूर्व सीएम जीतन राम मांझी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा से चुनाव लड़ रहे हैं।
पूर्णिया में जदयू प्रत्याशी संतोष कुशवाहा हैं जो कि गत दो चुनाव में जीतते रहे हैं। गया में पहले चरण का चुनाव 19 अप्रैल को होगा और पूर्णिया में दूसरे चरण के चलते 26 अप्रैल को मतदान होगा। जीतनराम मांझी के सामने इस बार मुश्किलें हैं। उनसे मुकाबले में राजद से पूर्व कृषि मंत्री सर्वजीत मैदान में हैं, वे वर्तमान में बोधगया से विधायक हैं।
अब बात थोड़ी बोधगया की कर ली जाए। यहां के विकास के लिए वैसे तो सांसद या विधायक का होना जरूरी नहीं है लेकिन ग्रामीण अंचल में बदहाल स्थिति को नज़र अंदाज भी नहीं किया जा सकता।
बाराचट्टी की अनदेखी करने वाली विधायक ज्योति देवी से जनता शिकायत से भरी है इसलिए मांझी के प्रति भी उदासीन है। वे मांझी की समधन हैं। इसके चलते फिर से यह सवाल उठ गया है कि क्या राजनीतिक दलों में रिश्तेदारी निभाई जाती है। मांझी के बेटे संतोष हम कोटे से एकमात्र मंत्री हैं।
जदयू छोड़कर आई विधायक बीमा भारती को राजद ने संतोष के खिलाफ उतारा है। राजेश रंजन यानी पप्पू यादव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतर गए हैं। इससे अब यहां त्रिकोणीय मुकाबला बन गया है। राजद की जिला इकाई में पप्पू यादव के साथ कई नेता हो गए हैं।
जहां तक विरोधी लहर की बात है, इसकी भी काट निकल गई है। 2014 में संतोष पहली बार जीते थे। तब जदयू अकेले मैदान में था। भाजपा के उदय सिंह पराजित हुए थे। वे 2019 में दूसरी बार कांग्रेस के टिकट पर संतोष से हारे थे।