Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव में नगरनार स्टील प्लांट बना बड़ा मुद्दा, महिलाओं को नौकरी की आस"/>

Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव में नगरनार स्टील प्लांट बना बड़ा मुद्दा, महिलाओं को नौकरी की आस

HIGHLIGHTS

  1. नगरनार स्टील प्लांट ने जगाई उम्मीदों की किरण, महिलाएं मांग रही नौकरी
  2. नगरनार स्टील प्लांट के लिए 2001 में भूमि का अधिग्रहण
  3. प्लांट बनने के बाद प्रभावित गांवों में कुछ विकास कार्य शुरू

रायपुर : बस्तर लोकसभा चुनाव से पहले नगरनार स्टील प्लांट बड़ा मुद्दा बन गया है। नगरनार गांव की महिलाएं इस प्लांट में बराबरी का अधिकार मांग रही हैं। उन्हें उम्मीद है कि इस प्लांट में नौकरी मिलेगी और उनका भविष्य सुरक्षित हो सकेगा। राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) के नगरनार स्टील प्लांट को स्थापित करने के लिए यहां आसपास के आठ गांव की भूमि अधिग्रहित की गई थी। यहां के लोग आने वाले समय में इसे विकसित भारत की दृष्टि से देख रहे हैं।

प्लांट बनने के बाद प्रभावित गांवों में कुछ विकास कार्य भी शुरू हो गए हैं, मगर अभी बहुत कुछ करना बाकी है। हालांकि अभी लोगों को स्वच्छ पीने के लिए पानी, शौचालय की सुविधा मिल रही है पर महिलाओं का मानना है कि वह विकसित भारत के लिए सहभागी होना चाहते हैं। उनकी मांग यही है कि इस प्लांट में महिलाओं को भी नौकरी में शामिल होने का अवसर दिया जाए। महिलाओं के बीच इस पर चर्चा शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन अक्टूबर 2023 को जगदलपुर प्रवास पर यहां लालबाग मैदान में आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से इस संयंत्र को देश को समर्पित किया था।

2001 से चल रहा है मामला

नगरनार स्टील प्लांट को स्थापित करने के लिए 2001 में भूमि का अधिग्रहण किया गया था। नगरनार गांव के लोगों का कहना है कि यहां बुनियादी सुविधाओं का विकास तो शुरू हो रहा है मगर अभी तक पर्याप्त नौकरियां नहीं मिल पाई है। यहां स्टील का उत्पादन शुरू हो चुका है। नगरनार गांव के रहवासियों के मुताबिक भूमि अधिग्रहण के दौरान कहा गया था कि यहां स्कूल और बेहतर अस्पताल होंगे। इलाज के लिए उन्हें बस्तर या रायपुर तक दौड़ नहीं लगाना पड़ेगा मगर ऐसी कोई बड़ी सुविधा नहीं मिली।

युवा विवेक कश्यप कहते हैं कि विकसित भारत के विजन को बस्तर का यह स्टील प्लांट पूरा करेगा। पदमिनी नाग ने कहा कि हमें यहां काम पर नहीं लगाया जा रहा है। कुछ लोगों से काम लगाने के लिए पैसे भी मांगे जा रहे हैं। हमारी मांग है कि स्थानीय महिलाओं व लड़कियों को नौकरी मिलनी चाहिए।

जामवती और कमला कहती हैं कि लोकसभा और सभी राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिलेगी। यानी कि महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित होंगी। इस ऐतिहासिक बदलाव के बाद से सक्रिय राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेंगी। इसी तरह नौकरी में भी महिलाओं को समान अवसर देना चाहिए।

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