Chaitra Navratri 2024 Puja Niyam: चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से, ऐसे लोगों को नहीं करना चाहिए उपवास, जानें पूजा के नियम
HIGHLIGHTS
- नौ दिनों के व्रत के दौरान भक्तों को शराब, तंबाकू और मांसाहारी भोजन के सेवन से बचना चाहिए।
- तामसिक भोजन जैसे लहसुन, प्याज आदि का भी सेवन नहीं करना चाहिए।
- सात्विक भोजन करना चाहिए। रात के समय हल्का भोजन करना चाहिए।
धर्म डेस्क, इंदौर। Chaitra Navratri 2024 Puja Niyam: हिंदू धर्म की शाक्त परंपरा में शक्ति की आराधना का विशेष महत्व बताया गया है। हिंदू पंचांग के चैत्र माह में नवरात्रि पर्व के दौरान मां दुर्गा की पूजा की जाती है। इस नवरात्रि पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक के रूप में देशभर में मनाया जाता है। पूरे देश में यह त्योहार भव्यता और उत्साह के साथ मनाया जाता है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल, 2024 को होगी और इस दौरान यदि आप भी उपवास व पूजा करें तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें।
नवरात्रि व्रत में इन बातों का रखें ध्यान (Chaitra Navratri 2024 Vrat Niyam)
नवरात्रि में पूजा के दौरान भक्तों को सुबह सूर्योदय से पहले जल्दी उठकर स्नान कर लेना चाहिए। देवी दुर्गा की पूजा के दौरान साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बगैर शुद्धिकरण के माता के पंडाल में भी प्रवेश नहीं करना चाहिए।
इन चीजों का न करें सेवन (Chaitra Navratri Vrat Food)
नौ दिनों के व्रत के दौरान भक्तों को शराब, तंबाकू और मांसाहारी भोजन के सेवन से बचना चाहिए। तामसिक भोजन जैसे लहसुन, प्याज आदि का भी सेवन नहीं करना चाहिए। सात्विक भोजन करना चाहिए। रात के समय हल्का भोजन करना चाहिए। उपवास के दौरान आप सिंघाड़े का आटा, दूध, साबूदाना, आलू और फलों का सेवन कर सकते हैं। सरसों का तेल और तिल का सेवन नहीं करना चाहिए। सादे नमक के स्थान पर सेंधा नमक खाना चाहिए।
नाखून व बाल न काटे
नवरात्रि में उपवास के दौरान व्रती को नाखून काटने, बाल कटवाने या दाढ़ी काटने जैसे क्षौर कार्यों से बचना चाहिए और दिन में सोने से बचना चाहिए। नवरात्रि के दौरान काले कपड़ों को पहनना वर्जित होता है। इसके अलावा चमड़े से बनी हुई चीजों का भी उपयोग नहीं करना चाहिए।
इन लोगों को नहीं करना चाहिए उपवास
नवरात्रि के दौरान देवी भक्त जरूर उपवास करते हैं, लेकिन गर्भवती महिलाओं व बच्चों को नवरात्रि के दौरान उपवास नहीं करना चाहिए। अपनी सेहत व सामर्थ्य के अनुसार ही उपवास करना चाहिए। इसके अलावा गंभीर बीमारी वाले लोगों को भी उपवास नहीं रखना चाहिए।
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