चाय वाला, चौकीदार और अब मोदी का परिवार तक, PM मोदी पर हुए निजी हमलों को भाजपा ने हर चुनाव में बनाया हथियार
HIGHLIGHTS
- भाजपा ने पीएम मोदी पर हुए निजी हमलों को बनाया हथियार
- कैंपेन चलाकर विपक्ष को घेरने का किया प्रयास
- इस चुनाव में शुरू किया ‘मोदी का परिवार’ अभियान
Lok Sabha Chunav 2024 इलेक्शन डेस्क, इंदौर। 3 मार्च 2024 को पटना में महागठबंधन की रैली में राजद सुप्रीमो लालू यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर परिवार को लेकर विवादित टिप्पणी की। इसके बाद विपक्षी दल भाजपा के निशाने पर आ गए। ठीक इसके अगले दिन यानी 4 मार्च को भाजपा ने ‘मोदी का परिवार’ कैंपेन की शुरुआत कर दी।
पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने एक्स हैंडल पर अपने नाम के साथ ‘मोदी का परिवार’ जोड़ा और इसके बाद धीरे-धीरे सभी भाजपा नेताओं ने अपने एक्स हैंडल पर ‘मोदी का परिवार’ लिखकर इस कैंपेन को आगे बढ़ाया।
भाजपा द्वारा चुनाव के दौरान इस तरह के कैंपेन की शुरुआत करना कोई नई बात नहीं है। पिछले दो चुनावों को भी देखें तो जब-जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत हमले हुए भाजपा ने इसे ही अपना चुनाव हथियार बना लिया है और इसे कैंपेन के रूप में चलाया। इस चुनाव में भी ‘मोदी का परिवार’ कैंपेन भी ठीक ऐसा ही है। इस आलेख में आपको भाजपा ऐसे चुनावी कैंपेन के बारे में विस्तार से बताते हैं।
चाय पे चर्चा (Chai Pe Charcha)
साल 2014 के चुनाव में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद मोदी अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि को चुनावी सभा में सामने रख रहे थे। वे अपने भाषणों में उनके द्वारा बचपन में रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने का भी जिक्र कर रहे थे। इसी बीच कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने मोदी को अपने एक बयान में ‘चायवाला’ कह दिया। इसके बाद भाजपा ने अय्यर के इसी बयान को हथियार बनाया और ‘चाय पे चर्चा कैंपेन’ की शुरुआत कर दी।
भाजपा ने देशभर में टी स्टॉल लगाए और वहां बड़ी-बड़ी स्क्रीन लगाई। जिसके माध्यम से पीएम मोदी लोगों से जुड़ते और उनसे चर्चा करते थे। पीएम ने अहमदाबाद से इसकी शुरुआत की थी, तब 300 शहरों में ये स्टॉल लगाए गए थे। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में अय्यर के बयान पर कड़े पलटवार किए।
मै भी चौकीदार (Main Bhi Chowkidar)
2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राफेल डील को मुद्दा बनाया और इसमें भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर पीएम मोदी को घेरने का प्रयास किया। राहुल गांधी ने कई बार अपने भाषणों में ‘चौकीदार चोर है’ शब्द किया उपयोग किया।
राहुल गांधी के इन बयानों के बाद भाजपा ने ‘मै भी चौकीदार’ कैंपेन शुरू कर दिया और अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल पर अपने नाम के साथ चौकीदार शब्द जोड़ दिया। न सिर्फ भाजपा नेता बल्कि पीएम मोदी के समर्थकों ने भी अपने नाम के आगे चौकीदार शब्द जोड़ लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपनी रैलियों में इस मुद्दे को जमकर उठाया।
मोदी का परिवार (Modi Ka Parivar)
इस चुनाव में भी भाजपा ऐसे ही कैंपेन के साथ उतरी है। जहां लालू यादव के बयान के बाद भाजपा नेता खुद को पीएम मोदी के परिवार का सदस्य बता रहे हैं और एक्स हैंडल पर मोदी का परिवार जोड़ चुके हैं। इसके साथ ही भाजपा के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी इस कैंपेन का व्यापक असर दिख रहा है।