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Raipur: परिवार को बंधक बनाकर 10 लाख की डकैती, 32 घंटे बाद नहीं मिला कोई सुराग, मप्र और बिहार गिरोह पर शक

HIGHLIGHTS

  1. -माना बस्ती डकैती कांड का 32 घंटे बाद भी सुराग नहीं, मप्र और बिहार गिरोह पर शक
  2. – आउटर की कालोनियां असुरक्षित..डकैत,लुटेरे और चोर गिरोह के निशाने पर

नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। Raipur Crime News: राजधानी रायपुर की आउटर की दर्जनभर से अधिक बड़ी कालोनियां असुरक्षित है। पुलिस पेट्रोलिंग की इसी ढिलाई के चलते डकैत, लुटेरे और बाहरी चोर गिरोह लगातार ऐसे कालोनियों को निशाना बनाते आ रहे हैं। बीच राजधानी से लेकर आउटर में चोरी की घटनाओं में इन दिनों तेजी आई है। लोकल के साथ साथ बाहरी गिरोह भी कालोनियों में हाथ मारने सक्रिय है।

पूर्व का ट्रेंड रहा है कि गर्मी के दिनों में ही सेंधमारी, चोरी, लूट और डकैती की घटनाएं बढ़ती है। दिनभर गर्मी से परेशान परिवार रात कूलर, एसी से ठंडक में सोए रहते हैं। इसका फायदा उठाकर बाहरी गिरोह दिन में रेकी कर रात को वारदात को अंजाम देते है, ताकि सुबह होने से पहले फरार हो सके। इससे पहले भी सेजबहार, डूमरतराई, फुंडहर, एक्सप्रेस वे के किनारे बसे कालोनियों में कई वारदात हो चुकी है।

डकैती के 32 घंटे गुजर जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली

माना बस्ती के पडावपारा में कृषि विभाग जोरा में सहायक ग्रेड तीन प्रख्यात चंद्राकर के घर गुरूवार रात को हुई डकैती की बड़ी घटना इसी का नतीजा है। फिलहाल 32 घंटे गुजर जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली है। जांच के दौरान पोद्दार स्कूल के पीछे नहर के पास लूटे गए गहनों के खाली डिब्बे, जमीन के दस्तावेज व अन्य सामान पड़े मिले।

आशंका जताई जा रही डकैत किसी चार पहिया वाहन से हाइवे से आए थे और वारदात करके इसी रास्ते से फरार हो गए। पुलिस अफसरों का दावा है कि वारदात के तरीके से आशंका है कि मप्र का पत्थरबाज या फिर बिहार के साहिबगंज गिरोह ने वारदात को अंजाम दिया होगा। कुछ महीने पहले इन दोनों गिरोह के प्रदेश में सक्रिय होने की सूचना मिली थी।

रायपुर समेत प्रदेश भर में चोरी, ठगी, उठाईगिरी, लूट, चेन स्नैचिंग, डकैती समेत अन्य संगीन अपराध को बाहरी जनजातीय गिरोह सालों से अंजाम देते आ रहे हैं। पुलिस ने ऐसे दो दर्जन से अधिक गिरोहों को चिन्हांकित कर रखा है, जिनकी धमक लगातार प्रदेशभर में बनी हुई है।

हर साल इनके आने का खतरा बना रहता है। चोरी,डकैती की वारदात पर अंकुश लगाने शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर भले ही सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए गए, लेकिन चोर इन सब से एक कदम आगे चल रहे हैं।वे शहर छोड़कर बाहरी इलाकों को निशाना बना रहे हैं।यहीं कारण है कि पुरानी कई बड़ी चोरी,डकैती के मामले अब तक नहीं सुलझ पाए है।

उपरवारा में की थी कोशिश, जगदलपुर और दुर्ग में मारा हाथ

13 मार्च की आधी रात राखी थानाक्षेत्र के उपरवारा के जनपद सदस्य संतराम साहू के घर घुसे दो नकाबपोशों ने वारदात को अंजाम देने की कोशिश की थी। इस दौरान किरायेदार किशन निषाद पर डंडे,पत्थर से हमला भी किया था। शोर मचाने पर सीढ़ी से उतरकर पीछे के दरवाजे से भाग निकले थे।

इसी तरह जगदलपुर और दुर्ग जिले में भी इस गिरोह ने वारदात को अंजाम दिया था। इस दौरान कुछ पकड़े गए थे, जबकि तीन सदस्य फरार होने में सफल रहे। इनके के बारे में जानकारी लेने साइबर सेल की टीम रवाना हुई है।जेल में बंद सदस्यों से पूछताछ की जाएगी।

यह गिरोह सक्रिय

साहिबगंज, बिहार का चादर गैंग, मप्र का पत्थर गैंग, ईरानी, सोनझरा, तिरची, चादर, बावरिया, कंजर, औरैया, भील, नट और पारधी गिरोह यहां चोरी की वारदात को अंजाम देते आए हैं। ये गिरोह शादी सीजन,गर्मी और ठंड के समय सक्रिय हो जाते हैं। इनमें से कई गैंग मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करते हैं।

ये उन दुकान या मकान को निशाना बनाते हैं, जहां से आसानी से प्रवेश कर सकें। इसी तरह से शादी समारोह में सूट-बूट वाले चोर गिरोह सक्रिय हो जाते है।इस गिरोह के सदस्य शादी में सूट-बूट लगाकर बारात में शामिल होते है। उनकी नजर दूल्हे और दुल्हन के बैग पर रहती है।मौका मिलते ही ये पार कर देते हैं।

बाहरी गिरोह पर नजर

लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहित शनिवार से प्रभावशील हो गई है। ऐसे में पुलिस के जिम्मे दोहरी जिम्मेदारी है। एक तो शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न करवाना, दूसरी ओर शहर में डकैती, लूट और चोरी की वारदात को रोकना।

देवपुरी डकैती की फाइल डंप

तीन अप्रैल 2022 की रात टिकरापारा थाना क्षेत्र के देवपुरी स्थित सांई वाटिका में कारोबारी दिनेश साहू और उनकी पत्नी को बंधक बनाकर 12 लाख की डकैती को अंजाम दिया गया था। छह डकैत घर में घुसकर व्यापारी को और उसकी पत्नी को बंधक बनाकर सोने के जेवर और रुपये के साथ दोपहिया वाहन लेकर फरार हो गए थे।घटना को करीब दो साल होने को है, लेकिन पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं।

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