Raipur: आरपीएफ इंस्पेक्टर तरुणा साहू अयोध्या में गाएंगी पंडवानी, बोली- महोत्सव में शामिल होना सौभाग्य"/>

Raipur: आरपीएफ इंस्पेक्टर तरुणा साहू अयोध्या में गाएंगी पंडवानी, बोली- महोत्सव में शामिल होना सौभाग्य

HIGHLIGHTS

  1. – 16 मार्च को अयोध्या महोत्सव में टीम के साथ लेंगी भाग
  2. – तरुणा साहू को बचपन से है पंडवानी गायन का शौक

नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। Raipur News: रायपुर आरपीएफ में पदस्थ महिला इंस्पेक्टर तरुणा साहू को अयोध्या में पंडवानी गायन के लिए आमंत्रित किया गया है। 14 मार्च को वे अपनी टीम के साथ अयोध्या जाएंगी। 16 मार्च को अयोध्या महोत्सव में वे शामिल होंगी। धमतरी जिले के नक्सल प्रभावित ग्राम गिधावा, नगरी में पली-बढ़ी तरुणा साहू वर्तमान में रायपुर के मंदिर हसौद आरपीएफ पोस्ट में प्रभारी के पद पर कार्यरत हैं। उनके पति एमन साहू राजनांदगांव सिटी कोतवाली के प्रभारी हैं।

तरुणा न केवल अपनी ड्यूटी पूरी जिम्मेदारी के साथ ईमानदारी से कर रही हैं, बल्कि समय मिलने पर पंडवानी गायन से अपनी प्रतीभा का लोहा भी मनवा रही हैं। पद्म विभूषण तीजन बाई को तरुणा अपना गुरु मानती हैं। दिल्ली समेत कई मंचों पर वे तीजन बाई के साथ प्रस्तुति भी दी हैं। पंडवानी के क्षेत्र में उन्हें कई अवार्ड भी मिले। अब वे अयोध्या में भी बतौर पंडवानी गायक प्रस्तुति देंगी।

बचपन से पंडवानी गायन का शौक

तरुणा को पंडवानी गायन में महारथ हासिल है। वर्ष 1993-94 में पद्म विभूषण तीजन बाई से पंडवानी गायन का प्रशिक्षण प्राप्त कर तरुणा ने देशभर में अपनी कला का प्रदर्शन किया। तरुणा साहू ने नईदुनिया को बताया कि जब वे नौ साल की थीं, तब से ही उन्हें पंडवानी गायन का शौक था। पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने पंडवानी गायन जारी रखा। शुरू से ही वे पढ़ाई में भी काफी अच्छी रही हैं, लेकिन उन्होंने अपने शौक को भी जिंदा रखना चाहा। ऐसे में उन्होंने तीजन बाई के नेतृत्व में पंडवानी सीखी और फिर एक मौका ऐसा आया कि दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय कार्यक्रम में तरुणा ने पद्म विभूषण तीजन बाई के साथ प्रस्तुति दी और कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया।

कई बार हो चुकीं सम्मानित

पंडवानी के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के लिए तरुणा को कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है। तरुणा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता को दिया है। तरुणा बताती हैं कि उनके स्कूल में ऐसे बच्चों की कैंपेनिंग कराई जाती थी, जो गा सकते थे। उस वक्त पद्म विभूषण तीजन बाई भी स्कूल में आई थीं। उस समय वह एकमात्र ऐसी छात्रा थीं जिनका चयन हुआ। पुलिस में नौकरी लगने के बाद तरुणा ने तीजन बाई से मुलाकात भी की, जिसे देखते ही तीजन बाई ने उन्हें गले से लगा लिया।

अयोध्या महोत्सव में शामिल होना सौभाग्य

वर्ष 2005 में तरुणा साहू को फोक एंड नेशनल आर्ट में स्कालरशिप भी मिली है। इतना ही नहीं पुलिस की परीक्षा के लिए तरुणा ने खुद को फिजिकल फिट रखा और खूब पढ़ाई की, जिसकी वजह से वे आज एक बेहतर पुलिस अधिकारी के तौर पर जानी जाती हैं। पंडवानी गायन के साथ ही उन्होंने विभागीय ड्यूटी भी बखूबी निभाई है। रेलवे में कई लोगों की मदद की, जिसके लिए सम्मानित भी हुई हैं।

तरुणा का कहना है कि ड्यूटी की कोई समय तय नहीं होती। वैसे तो आठ घंटे की ड्यूटी होती है, लेकिन कभी 24-48 घंटे भी हो जाते हैं, उनकी कोशिश है कि वे छुट्टियां कम लें, ऐसा इसलिए क्योंकि पंडवानी गायन के लिए जब आमंत्रित किया जाए तो वे वहां भी जा सकें। अयोध्या महोत्सव में पंडवानी की प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किए जाने से तरुणा काफी उत्साहित हैं। इस मौके पर श्री रामलला के दर्शन करने का सौभाग्य भी मिलेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button