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Mahashivratri 2024: कालसर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए, महाशिवरात्रि के दिन करें यह खास उपाय

HIGHLIGHTS

  1. इस साल महाशिवरात्रि 8 मार्च को मनाई जाने वाली है।
  2. महाशिवरात्रि के दिन कुछ उपाय जरूर करने चाहिए।
  3. इस दिन नहाने के पानी में काले तिल अवश्य मिलाएं।

धर्म डेस्क, इंदौर। Mahashivratri 2024: शिव भक्तों को महाशिवरात्रि का बेसब्री से इंतजार रहता है। यह दिन सनातन धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल महाशिवरात्रि 8 मार्च को मनाई जाने वाली है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन को माता पार्वती और भगवान शिव के विवाहोत्सव के रूप में मनाया जाता है।

महाशिवरात्रि बहुत ही पवित्र दिन माना जाता है। अगर इस दिन कोई भी उपाय किया जाए, तो उसका फल जरूर प्राप्त होता है। ऐसे में जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष है, उन्हें महाशिवरात्रि के दिन कुछ उपाय जरूर करने चाहिए।

कालसर्प दोष उपाय

अगर आप कालसर्प दोष से परेशान हैं, तो महाशिवरात्रि के दिन अगर संभव हो, तो चांदी या तांबे का नाग-नागिन का जोड़ा किसी मंदिर में या बहते जल में प्रवाहित करें। इस उपाय को करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही जीवन में चल रही परेशानियों से छुटकारा मिलता है। यदि आप यह उपाय को करते हैं, तो सबसे पहले सुबह पवित्र स्नान कर लें।

इस दिन नहाने के पानी में काले तिल अवश्य मिलाएं। इसके बाद विधि-विधान से शिव जी की पूजा करें और नाग-नागिन के जोड़े को भोलेनाथ को अर्पित करें। भगवान भोलेनाथ से दोषों को दूर करने के लिए सच्चे मन से प्रार्थना करें। ऐसा करने से आपको कालसर्प दोष से राहत मिलेगी।

नाग देव पूजन मंत्र

ॐ नागदेवताय नम:

ॐ नवकुलाय विद्यमहे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प: प्रचोदयात्।

कालसर्प दोष निवारण मंत्र

ॐ क्रौं नमो अस्तु सर्पेभ्यो कालसर्प शांति कुरु कुरु स्वाहा || सर्प मंत्र ||

ॐ नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथिवीमनु ये अन्तरिक्षे ये दिवि तेभ्यः सर्पेभ्यो नम:

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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