CG News: इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले की जांच अटकी, निवेशकों को सता रही रकम वापसी की चिंता
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। रायपुर के बहुचर्चित इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले की जांच राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद से अटक गई है। लिहाजा निवेशकों को अपनी रकम की चिंता सताने लगी है। पुलिस का कहना है कि बैंक में पैसा जमा करने वाले खाताधारकों को परिसमापक के माध्यम से रकम वापस मिलेगी।इसके लिए पीड़ितों को दस्तावेजी साक्ष्य के साथ आवेदन करने की प्रक्रिया चल रही है। वहीं कोर्ट में बयान दर्ज कराया जा रहा है।बैंक से लोन लेने वाले कारोबारियों और घोटाले में शामिल लोगों के द्वारा अब तक करीब 2.50 करोड़ रुपये वापस लौटाए गए हैं।यह रकम पीड़ित खाता धारकों को वापस की जाएगी।वहीं इस प्रकरण की न्यायिक मजिस्ट्रेट भूपेश कुमार बसंत की कोर्ट में सुनवाई भी चल रही है।
प्रियदर्शिनी बैंक में 54 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला वर्ष 2006 में हुआ था।करीब 30 हजार खाता धारकों द्वारा रकम जमा कराई गई थी।प्रकरण की जांच के बाद पीड़ित निवेशकों को कुछ रकम भी लौटाई गई थी।इसके बाद से मामला 17 साल तक ठंडे बस्ते में पड़ा रहा।पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने मामले की नए सिरे से जांच कराने की घोषणा की थी।इसके बाद कोर्ट के आदेश पर सिटी कोतवाली पुलिस थाने की टीम प्रकरण की जांच कर रही है, लेकिन यह जांच भी फिलहाल राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद से बंद है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
पीड़ित निवेशकों का कोर्ट में बयान दर्ज किया जा रहा है। अब पुलिस कब तक जांच पूरी कर आरोप पत्र कोर्ट में पेश करती है,इसका इंतजार है।दो मार्च को मामले की कोर्ट में सुनवाई होनी है।रकम वापस पाने के लिए बैंक में पैसा जमा करने वाले लोग संपर्क करे तो उन्हें सलाह दी जाएगी।
-संदीप कुमार दुबे, उप महाअधिवक्ता।
इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाले की जांच चल रही है। मामले में किसी नए आरोपित की गिरफ्तारी तो होना नहीं है क्योंकि पहले ही इसके आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके है। कोर्ट का जैसा निर्देश मिलेगा,उसके आधार पर कार्रवाई करेंगे।
-जितेंद्र ताम्रकार, थाना प्रभारी, सिटी कोतवाली।