ईरान ने फिर पाक में घुसकर की सर्जिकल स्ट्राइक, जैश-अल-अदल के कई आतंकियों को किया ढेर
![](https://cglive.in/wp-content/uploads/2024/02/b0d24f24-0b5d-4f33-8fc6-08b7663185f9-3.jpg)
![](https://cglive.in/wp-content/uploads/2024/02/24_02_2024-iran_pakistan_war.jpg)
HIGHLIGHTS
- ईरान और पाकिस्तान के बीच बीते एक माह में दूसरी बार तनाव बढ़ा है।
- एक माह पहले भी पाकिस्तान और ईरान ने एक दूसरे पर हवाई हमले किए थे।
- इस संगठन को ईरान ने आतंकी संगठन के रूप में नामित किया है।
एएनआई, तेहरान (ईरान)। ईरान के सैन्य बलों ने एक बार फिर पाकिस्तानी क्षेत्र में सर्जिकल स्ट्राइक की है। समाचार एजेंसी एएनआई ने ईरान के सरकारी मीडिया के हवाले से जानकारी दी है कि ईरान ने पाकिस्तान क्षेत्र में घुसकर जैश अल-अदल आतंकवादी समूह के कमांडर इस्माइल शाहबख्श और उसके कुछ साथियों ढेर कर दिया है। गौरललब है कि ईरान और पाकिस्तान के बीच बीते एक माह में दूसरी बार तनाव बढ़ा है। एक माह पहले भी पाकिस्तान और ईरान ने एक दूसरे पर हवाई हमले किए थे।
पहले जैश अल-अदल ने किए थे कई हमले
अल अरबिया न्यूज की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है कि 2012 में गठित जैश अल-अदल ने बीते कुछ सालों में ईरानी सुरक्षा बलों पर कई हमले किए हैं। इस संगठन को ईरान ने आतंकी संगठन के रूप में नामित किया है। जैश-अल-अदल एक सुन्नी आतंकवादी समूह है, जो ईरान के दक्षिणपूर्वी प्रांत सिस्तान-बलूचिस्तान में संचालित होता है। इसके पाकिस्तानी क्षेत्र से भी अपनी गतिविधियों का संचालन करता है। अल अरबिया न्यूज के अनुसार, दिसंबर माह में जैश अल-अदल ने सिस्तान-बलूचिस्तान में एक पुलिस स्टेशन पर हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें कम से कम 11 पुलिस कर्मियों की मौत हो गई थी।
ईरान और पाकिस्तान के बीच समझौता
द न्यूज इंटरनेशनल ने जानकारी दी है कि बीते माह एक-दूसरे के क्षेत्रों में “आतंकवादी इकाइयों” के खिलाफ मिसाइल हमले करने के बाद पाकिस्तान और ईरान ने सुरक्षा सहयोग का विस्तार करने पर सहमति व्यक्त की थी। लेकिन ताजा हमलों के बाद यह समझौता अब खटाई में पड़ गया है। तब पाकिस्तान के विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी और उनके ईरानी समकक्ष होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने इस समझौते पर सहमति व्यक्त की थी। आपको बता दें कि तेहरान और इस्लामाबाद द्वारा ‘आतंकवादी इकाइयों’ को निशाना बनाकर एक-दूसरे पर मिसाइल हमले करने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। तब पाकिस्तान ने 17 जनवरी को ईरान से अपने राजदूत को वापस बुला लिया था।