PRSU Update: रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की एग्जाम पैटर्न में बदलाव, तीन की जगह अब दो पालियों में होंगी परीक्षाएं
HIGHLIGHTS
- पीआरएसयू से संबद्ध कालेजों के प्राचार्यों की आनलाइन बैठक में दिए दिशा-निर्देश
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। PRSU Update: पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाओं की व्यवस्था में बदलाव किया गया है। अभी तक विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाएं तीन पालियों में होती थीं, लेकिन अब दो पालियों में होंगी। पहली पाली सुबह आठ से 11 बजे तक और दूसरी पाली दोपहर एक से चार बजे तक चलेगी। प्रथम पाली में बीकाम, बीएससी की परीक्षाएं होंगी, वहीं दूसरी पाली में कला संकाय की परीक्षाएं होंगी।
कालेज के प्राचार्यों द्वारा परीक्षा ड्यूटी में दिए जाने वाले पारिश्रमिक भत्ता को बढ़ाने की मांग की गई। परीक्षा में ड्यूटी करने वालों को अभी भी 120 रुपये दिया जाता है, जो बहुत कम है। इसे बढ़ाना चाहिए। प्रायोगिक परीक्षाओं के दौरान केंद्र अधीक्षक को पारिश्रमिक नहीं मिलता है, जो कि मिलना चहिए। परीक्षाओं के दौरान आने वाली समस्याओं को भी प्राचार्यों ने उठाया। बैठक में विश्वविद्यालय से संबंद्ध लगभग सवा सौ कालेजों के प्राचार्य आनलाइन बैठक में मौजूद थे।
प्राध्यापकों को केंद्रीय मूल्यांकन के लिए भेजें
बैठक में विश्वविद्यालय परिसर में शुरू हुए केंद्रीय मूल्यांकन के बारे में भी चर्चा की गई। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने प्राचार्यों से कहा कि केंद्रीय मूल्यांकन के लिए अपने कालेजों के प्राचार्यों को भेजें। जो कालेज अभी तक शिक्षकों की जानकारी नहीं दी वो तुरंत भेजें। जो शिक्षक प्रश्नपत्र तैयार कर रहे हैं, जल्दी बनाकर भेजें। कालेज प्रबंधन वार्षिक परीक्षाओं के सुचारू संचालन की रणनीति तैयार करें।
प्रायोगिक परीक्षाओं के लिए विशेषज्ञ बुलाना, अंकों को तुरंत आनलाइन अपलोड करने जैसी व्यवस्था पर ध्यान दें। दीक्षा समारोह के लिए 10 फरवरी से पहले आवेदन करवाएं: पीआरएसयू का दीक्षा समारोह 20 फरवरी को होगा। जिन कालेजों के छात्र मेरिट सूची में हैं, जिन्हें गोल्ड मेडल मिलना है, उन छात्रों का 10 फरवरी से पहले पंजीयन जरूर करवाएं। इसके बाद आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। दीक्षा समारोह विश्वविद्यालय परिसर में ही होगा।
प्राचार्यों ने कहा कि विश्वविद्यालय की तरफ से आयोजित बैठक में कई तरह की समस्याओं को उठाया जाता है। विश्वविद्यालय प्रबंधन निराकरण करने का आश्वासन देता है। बहुत सारी समस्याओं का निराकरण भी किया जाता है, लेकिन इसकी जानकारी नहीं दी जाती है।
बैठकों में जो भी मुद्दा, समस्याओं पर बातचीत हो, उसके समाधान की जानकारी साझा करनी चाहिए। अगली बैठक में समस्याओं को सुलझाने के लिए किए गए प्रयासों की चर्चा होनी चाहिए। अभी हमें पता ही नहीं चलता कि हमारी समस्याओं के समाधान के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन ने क्या उपाय किए।