Yoga Divas 2024: 10 वर्षों से सिखा रहे योगासन, अकादमी के सदस्‍यों ने राज्य-देश को दिलाया सोना"/>

Yoga Divas 2024: 10 वर्षों से सिखा रहे योगासन, अकादमी के सदस्‍यों ने राज्य-देश को दिलाया सोना

Yoga Divas 2024: इस साल ‘योग फार सेल्फ एंड सोसायटी’ की थीम पर योग दिवस 2024 मनाया जाएगा। दिवस विशेष पर शहर के ऐसे व्यक्ति और उनके द्वारा प्रशिक्षित योग समूह के बारे में बताने जा रहे हैं। योग से न सिर्फ स्वास्थ्य लाभ कमाया, बल्कि योग स्पर्धा में वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए देश को गौरवान्वित किया।

HIGHLIGHTS

  1. अनुभूति अकादमी गुढ़ियारी के 90 खिलाड़ियों ने जीते 40 पदक

Yoga Divas 2024: रायपुर। योग हमारी प्राचीन परंपरा की एक अमूल्य धरोहर है। योग शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण को बढ़ावा देता है। यह शरीर, मन और आत्मा के संतुलन को विकसित करने का एक प्राकृतिक तरीका है। 21 जून को विश्वभर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। योग दिवस दुनियाभर में योग के महत्व और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इस साल ‘योग फार सेल्फ एंड सोसायटी’ की थीम पर योग दिवस 2024 मनाया जाएगा। दिवस विशेष पर शहर के ऐसे व्यक्ति और उनके द्वारा प्रशिक्षित योग समूह के बारे में बताने जा रहे हैं।

योग से न सिर्फ स्वास्थ्य लाभ कमाया, बल्कि योग स्पर्धा में वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए देश को गौरवान्वित किया। जी हां, हम बात कर रहे हैं योग अनुभूति अकादमी, गुढ़ियारी की। 10 वर्षों से नियमित चले आ रहे इस अकादमी के लगभग 90 खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रतियोगिता में देश और छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। खिलाड़ियों ने अब तक स्टेट और नेशनल मैच में 40 पदक जीते हैं। वहीं 5 खिलाड़ी खेलो इंडिया यूथ गेम्स में योग का प्रदर्शन कर चुके हैं।
 

250 बच्चों को निश्शुल्क योग सिखा चुके हैं नुरेंद्र कुम्हार

अनुभुति अकादमी गुढ़ियारी की स्थापना 2013-14 में हिरापुर निवासी नुरेंद्र कुम्हार ने थी। तब से अब तक वे लगातार शहर के गुढ़ियारी इलाके में बच्चों को योग का निश्शुल्क प्रशिक्षण दे रहे हैं। नुरेंद्र बताते हैं कि वे भी योग में राष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुके हैं, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचने तक उन्हें न सही गाइड मिला, न ही किसी का सहयोग, इसलिए उन्होंने दूसरों को बिना किसी शुल्क के योग सिखाने लगे। शासकीय आयुर्वेंद चिकित्सालय से आय का साधन मिल जाने के बाद निश्शुल्क प्रशिक्षण जारी रखा। नुरेंद्र ने बताया कि अब तक वे लगभग 250 बच्चों को योग का प्रशिक्षण दे चुके हैं, जिनमें से कई आज स्वयं दूसरों को योग सिखा रहे हैं। तनिष चंदेल और विभांषु बंजारे उनके साथ दूसरे बच्चों को भी योग सिखा रहे हैं।

अब तक इन छात्रों को मिली बड़ी उपलब्धि

नुरेंद्र कुम्हार ने बताया कि उनके द्वारा प्रशिक्षित खिलाड़ियों ने अपनी खेल प्रतिभा से देश-विदेश में बड़ा नाम कमाया। तनिष चंदेल ने राष्ट्रीय योग स्पर्धा में 5 स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। अनमोल सिंह, जितेंद्र जंघेल, तान्या, जिया साकरे, तुषभ गौतम, खिलेश्वरी साहू सहित अन्य खिलाड़ियों ने बड़े मंच पर पदक जीते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button