CG News: निर्माण कार्यों में देरी पर ठेकेदारों और अधिकारियों पर होगी कार्रवाई, डिप्टी सीएम अरुण साव ने दिए निर्देश
रायपुर (राज्य ब्यूरो)। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के कार्यों में देरी अब ठेकेदारों और अधिकारियों पर भारी पड़ने वाली है। विभागीय मंत्री ने साफ किया है कि कार्यों के लिए अब निर्धारित समय-सीमा से अतिरिक्त समय नहीं दिया जाएगा। उसी के भीतर प्रोजेक्ट पूरे करने होंगे। मंगलवार को नवा रायपुर स्थित निर्माण भवन में उप मुख्यमंत्री व विभागीय मंत्री अरुण साव ने अधिकारियों की मैराथन बैठक ली।
उन्होंने कहा कि कार्य पूर्ण करने में आ रही दिक्कतों का तत्परता से समाधान निकालें। कार्य पूर्णता में देरी पर संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय कर कार्रवाई की जाएगी। पीडब्ल्यूडी द्वारा किए जा रहे कार्यों की जिओ टैगिंग और कार्य प्रगति की मानिटरिंग के लिए बैठक के दौरान साव ने ‘पीडब्लूडी दृष्टि’ मोबाइल एप की लांचिंग की। इस एप्लीकेशन के माध्यम से अधिकारी-कर्मचारियों को अधोसंरचना कार्यों की वास्तविक फोटो और वीडियो, स्थान पर पहुंचकर अपलोड करना होगा।दृष्टि एप की लांचिंग के बाद सभी जिलों में सड़क, पुल-पुलिया, ओवरब्रिज के कार्यों में रफ्तार बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।
बैठक में राज्य में निर्माणाधीन सड़कों, सेतु, पुल-पुलियों, रोड ओवरब्रिज और फ्लाईओवर के साथ ही एकीकृत पंजीयन व्यवस्था, जमीन अधिग्रहण और मुआवजों के लंबित मामलों की प्रगति की भी समीक्षा की गई। इस मौके पर पीडब्ल्यूडी सचिव डा. कमलप्रीत सिंह, प्रमुख अभियंता केके पीपरी, ओएसडी वीके भतप्रहरी, उप सचिव एसएन श्रीवास्तव आदि अधिकारी मौजूद थे।
आचार संहिता के पहले बड़े प्रोजेक्ट को पूरा करना होगा
बैठक में यह साफ संकेत मिले कि लोकसभा चुनाव के आचार संहिता के पहले प्रदेश में चल रहे सभी बड़े-छोटे प्रोजेक्ट को पूरा किया जाएं। प्रोजेक्ट की रफ्तार के लिए हर हफ्ते समीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत की जानी है।
जहां यातायात का दबाव ज्यादा, वहां चौड़ीकरण करें
यातायात और इसकी उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए सड़कों के चौड़ीकरण और मजबूतीकरण के कार्यों में तेजी के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों से कहा कि ठेकेदारों का भुगतान समय पर करें। नियमित भुगतान से कार्य की गति बनी रहेगी।
यह दिशा-निर्देश भी
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- नवनिर्मित सड़कों के परफार्मेंस गारंटी का निष्पादन प्रभावी ढंग से हो।
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- काम की शुरूआत से ही निर्माण कार्यों की पुख्ता मानिटरिंग करें।
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- ठेकेदारों द्वारा काम में देरी या लापरवाही करने पर तुरंत कार्रवाई करें।
- अधिकारी ज्यादा से ज्यादा समय फील्ड में रहें।