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Chhattisgarh: नियमों का उल्लंघन करने वाले 222 कारोबारियों पर हुई कार्रवाई, अफसरों ने 14.94 लाख वसूले

रायपुर। Chhattisgarh News: नापतौल विभाग ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के बीते नौ महीने में ही नियमों का उल्लंघन करने वाले 222 कारोबारियों से 14.94 लाख से ज्यादा की वसूली की है। विभाग के अनुसार नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी भी कारोबारी को बख्शा नहीं जाएगा। इसके लिए उपभोक्ताओं को भी अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना होगा।

जानकारी के अनुसार अप्रैल से दिसंबर 2023 के बीच रायपुर संभाग में तीन हजार से ज्यादा प्रतिष्ठानों पर जांच हुई। इनमें से 222 पर जुर्माने की कार्रवाई हुई और इनसे नापतौल विभाग ने 14 लाख 94 हजार 500 रुपये की वसूली की।
 

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि कोई भी कारोबारी अगर वजन या प्रिंट में गड़बड़ी करता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। नापतौल के नियमों के अनुसार अगर कोई व्यक्ति ऐसे खोटे बाट या माप बनाकर उपयोग करता है जिससे कि दूसरे व्यक्ति के साथ बेईमानी हो तो धारा 267 के अंतर्गत कार्रवाई की जाती है। इसके तहत आरोपित को एक वर्ष का कारावास या जुर्माना या दोनों हो सकता है।

इस नंबर भी कर सकते हैं शिकायत

उपभोक्ता अपनी शिकायत सीधे ही नापतौल विभाग जाकर कर सकता है। या फिर फोन नंबर 07712262375 पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। शिकायत मिलने पर विभाग द्वारा जांच की जाती है और सही पाए जाने पर कार्रवाई की जाती है।

नापतौल विभाग के उप नियंत्रक सुरेश देवांगन ने कहा, नियमों का उल्लंघन करने वाले कारोबारियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। इसके लिए विभाग द्वारा प्रतिष्ठानों की जांच के लिए समय-समय पर अभियान भी चलाया जाता है। उपभोक्ताओं को भी अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना होगा।

डिजिटल उपकरणों में भी गड़बड़ी

अधिकारियों का कहना है कि नापतौल में गड़बड़ी का एक बड़ा रैकेट भी है। पहले केवल लोहे के बाट व तराजू में गड़बड़ी होती थी। इसे आसानी से पकड़ा जा सकता है। अब तो डिजिटल उपकरण आ गए हैं और इनमें भी गड़बड़ी की जाने लगी है।

नियमों के अनुसार उपकरणों में गड़बड़ी करने वाले उपकरण विक्रेता व कारोबारी दोनों ही जेल जा सकते हैं। नापतौल में गड़बड़ी करने वाले उपकरणों के निर्माता व विक्रेता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत कड़े प्रविधान हैं।

इन प्रकरणों पर हुई कार्रवाई

1. असत्यापित बाट माप 2. मिठाई दुकानों में कम तौल 3. पैकर पंजीयन व पैक्ड सामानों में घोषणाओं का अभाव 4. एमआरपी से ज्यादा शुल्क वसूलने पर जुर्माना 5. सत्यापन प्रमाण पत्र का प्रदर्शन नहीं।

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