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जंगल सफारी में 17 हिरणों की मौत की जांच रिपोर्ट अब तक नहीं आई, बैक्ट्रीरिया से मौत की जताई थी आशंका

रायपुर। जंगल सफारी में पिछले माह पांच दिनों में अचानक 17 हिरणों की मौत हो गई थी, जिसकी जांच रिपोर्ट अब नहीं आई है। जबकि वन अमला ने मौतों का कारण जानने के लिए बरेली के लैब में विसरा भेजा था। रिपोर्ट 15 दिन के अंदर में आ जानी थी, लेकिन अब तक रिपोर्ट नहीं आई है।

बताया जाता है कि जांच रिपोर्ट आने में 10 से 12 दिन और लग सकता है। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा। जंगल सफारी के डिप्टी डायरेक्टर हेमचंद पहारे ने 25 से 29 नवंबर के बीच 17 चौसिंगा (हिरण) की मौत की पुष्टि की थी।
 

उन्होंने बताया कि 25 नवंबर को पांच, 26 नवंबर को तीन और 27 नवंबर को पांच, 28 को दो, 29 को दो कुल 17 चौसिंगा की मौत हुई है। इधर पीसीसीएफ को भेजे गए जांच प्रतिवेदन में बताया गया है कि नंदनवन जू, जंगल सफारी के जू क्षेत्र के चौसिंगा बाड़े में 25 नवंबर की सुबह 5.30 बजे चौसिंगा की निगरानी के दौरान पता चला कि इनका स्वास्थ्य खराब हो रहा है।

मिनटों में हुई मौत

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पांच दिनों में 17 हिरणों की मौत मिनटों में हुई है। इस कारण बचाने में दिक्कत हुई। मौत के पहले अचानक हांफने के बाद मुंह से झाग निकला और मौत हो गई। बताया जाता है कि मरने के पहले तक सभी पूरी तरह से स्वस्थ्य थे। ऐसा होने के बाद किसी को बचाने का कोई मौका नहीं मिला।

मिट्टी से बैक्टीरिया फैलने से हुई मौत

शुरूआत जांच में बताया जाता है कि हिरणों की मौत मिट्टी में बैक्ट्रीरिया फैलने से हुई है। क्योंकि घास उगाने के लिए कुछ दिन पहले ही बाड़े में बाहर से आकर मिट्टी डाली गई थी। उसी से बैक्ट्रीरिया फैलने की आशंका है। फिलहाल बाड़े को खाली कर दिया है।

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