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आचार संहिता में जन सुनवाई बंद, केंद्र को भेजी गईं 1,925 शिकायतें, सर्वाधिक शिकायतें जमीन पर कब्जे की

रायपुर। Raipur News: विधानसभा चुनाव- 2023 की तिथियों की घोषणा के बाद से ही प्रदेशभर में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। इसकी वजह से जनशिकायतों की सुनवाई लगभग 50 दिनों से बंद है। तब से मुख्यमंत्री और कलेक्टर जनचौपाल में आम लोगों की शिकायतों की सुनवाई बंद हो गई है। इस दौरान लोगों ने केंद्रीय प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग, राष्ट्रपति, पीएमओ को शिकायतें भेजी हैं। इन दो माह में लगभग 1,925 शिकायतें केंद्र तक पहुंची हैं। जिनमें सबसे ज्यादा शिकायतें लोगों की जमीन से संबंधित हैं, जिसे रायपुर एसडीएम कार्यालय को ट्रांसफर किया गया है।

दूसरे नंबर पर पुलिस अधीक्षक रायपुर को शिकायतें भेजी गई हैं, जिसमें लोगों ने साइबर क्राइम से लेकर, मारपीट और धोखाधड़ी की घटनाओं में अपराध दर्ज नहीं होने को लेकर अपनी शिकायतें की थीं, जिस पर केंद्र से ही सभी शिकायतों को एसएसपी कार्यालय स्थानांतरित किया गया है।

इन विभागों से जुड़े मामलों की शिकायतें

लोक शिकायत विभाग और पीएमओ के पास की गई शिकायतें अधिकांश आदिमजाति विभाग, पर्यावरण संरक्षण मंडल, सीईओ रायपुर, सीएमएचओ रायपुर, नगर पालिका तिल्दा, कृषि विभाग, संचालक शिक्षा विभाग, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग, श्रम विभाग, नगर निगम रायपुर, नगर निगम बिरगांव, नजूल अधिकारी, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, आरडीए, एसडीएम तिल्दा, एसडीएम रायपुर, खेल एवं युवा कल्याण विभाग, एसडीएम आरंग, एसडीएम अभनपुर के पास निराकरण के पास अभी भी 73 शिकायतें लंबित हैं।

2,364 शिकायतें अब भी हैं लंबित

आचार संहिता के कारण मुख्यमंत्री जनचौपाल बंद होने तक 2,364 शिकायतें रायपुर में लंबित हैं। दूसरी ओर कलेक्टर रायपुर के पास भी 733 शिकायतें अभी भी निराकरण के लिए अटकी हुई हैं। इसकी मूल वजह निराकरण करने वाले अधिकांश अधिकारियों-कर्मचारियों की चुनाव ड्युटी प्रमुख है। जिसकी वजह से अब नई सरकार बनने के बाद ही इन शिकायतों का निराकरण होता दिखाई दे रहा है।

रायपुर कलेक्टर डा. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने कहा, जनचौपाल में लंबित शिकायतों का निराकरण किया जा रहा है। आचार संहिता की वजह से अभी जनचौपाल का आयोजन नहीं हो रहा है। आचार संहिता के बाद इसे शुरू किया जाएगा।

नई सरकार के गठन के बाद जनचौपाल

जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि अब आचार संहिता खत्म होने के बाद यानी कि नई सरकार के गठन के बाद ही इसकी दोबारा से शुरुआत हो पाएगी। कलेक्टर जनचौपाल को एक साल पहले ही शुरू किया गया था।

विभिन्न कार्यालयों को भेजी गई शिकायतें

पीएमओ 1,407

राष्ट्रपति 24

प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग 57

कुल -1,925

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