Chhattisgarh News: चुनावी विफलता से बौखलाए नक्‍सलियों ने अचानक तेज किए हमले, पहुंचा रहे नुकसान"/> Chhattisgarh News: चुनावी विफलता से बौखलाए नक्‍सलियों ने अचानक तेज किए हमले, पहुंचा रहे नुकसान"/>

Chhattisgarh News: चुनावी विफलता से बौखलाए नक्‍सलियों ने अचानक तेज किए हमले, पहुंचा रहे नुकसान

अनिमेष पाल। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के बाद नक्सली हमले तेज हुए हैं। बीते एक सप्ताह में बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा, सुकमा, नारायणपुर सहित अन्य जिले में नक्सल गतिविधियों में तेजी देखी जा रही है। विधानसभा चुनाव के दौरान अक्सर नक्सली बड़े हमले की ताक में रहते हैं, पर इस बार सुरक्षा बल की सतर्कता से नक्सली कोई बड़ा हमला नहीं कर पाए थे।

बस्तर में 65 हजार से अधिक सुरक्षा बल की तैनाती के बीच बस्तर ने नक्सलियों के चुनाव बहिष्कार को नकार दिया और नक्सलियों के आधार क्षेत्र में भी जमकर मतदान हुआ। इसका असर यह हुआ कि एलमागुंडा, मिनपा, सिलगेर, तर्रेम जैसे क्षेत्र जहां मतदान प्रतिशत शून्य के करीब रहता था, वहां भी 70 प्रतिशत से अधिक मतदान देखने को मिला। संपूर्ण बस्तर में 75.62 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2018 के 73.31 से 2.31 प्रतिशत अधिक रहा।

सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने बताया कि बस्तर में नक्सलियों के आधार क्षेत्र में भी मतदान को लेकर ग्रामीणों में उत्साह देखने को मिला। इसी बात को लेकर नक्सलियों में बौखलाहट देखी जा रही है। ऐसी जानकारी है कि नक्सलियों की कोर कमेटी में चुनावी विफलता पर चर्चा होने के बाद अपने घटते वर्चस्व और ग्रामीणों पर दबाव बनाने के लिए नक्सली अब हमलावर हो रहे हैं।

नक्सलियों के पैठ वाले क्षेत्र में 65 से अधिक नवीन सुरक्षा बल के कैंप स्थापित कर वहां से लगातर नक्सलरोधी अभियान चलाए जा रहे हैं। इससे नक्सली अब सीधी मुठभेड़ की जगह बदली हुई रणनीति पर काम करते हुए स्माल एक्शन टीम व आइईडी विस्फोट से नुकसान पहुंचाने पर भरोसा कर रहे हैं।

जानकार मानते हैं सुरक्षा बल का प्रभाव बढ़ा

नक्सलवाद के जानकार शुभ्रांशु चौधरी कहते हैं कि नक्सलियों के आधार क्षेत्र में सुरक्षा बल के कैंप स्थापित करने बाद इस बार वहां भी मतदान हुआ। नक्सलियों ने भी अपने प्रभाव क्षेत्र में चुनाव को प्रभावित करने की तैयारी रखी थी। ऐसे क्षेत्र जहां उन्हें आइईडी विस्फोटक लगाने की आवश्यकता नहीं थी, वहां भी आइईडी लगाए गए थे। चुनाव के दौरान सुरक्षा बल की उपस्थिति में नक्सली बड़ा नुकसान नहीं कर पाए, पर अब वे आइईडी फट रहे हैं, जिसके चपेट में ग्रामीण आ रहे हैं।

बस्तर के वरिष्ठ पत्रकार व नक्सल मामलों के जानकार विकास तिवारी कहते हैं कि बस्तर में नक्सली चुनाव में बड़ी घटना की तैयारी में थे, पर सुरक्षा बल की सतर्कता से वे ऐसा नहीं कर कर सके। अब वे लगातार हमले कर अपना वर्चस्व बताने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे नक्सली घटनाओं में तेजी दिख रही है। अगले सप्ताह से नक्सलियों का पीएलजीए सप्ताह भी है। इससे भी नक्सली सक्रियता बढ़ी है।

बस्तर रेंज आइजीपी सुंदरराज पी. ने कहा, सुरक्षा बल की सतर्कता से बस्तर में इस बार नक्सली निष्प्रभावी रहे और उनके आधार क्षेत्र में भी शांतिपूर्ण मतदान हुआ। इससे नक्सली अब अपने घटते वर्चस्व को बचाने और नक्सल कैडर का मनोबल बढ़ाने के लिए छिटपुट घटना कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का प्रयास कर रहे हैं।

एक सप्ताह में नक्सली घटनाएं

– 21 नवंबर को सुकमा के जगरगुंडा थाना क्षेत्र के बैनपल्ली के पास आइईडी विस्फोट में बस्तर फाइटर का जवान रोशन नाग घायल हुआ।

– 23 नवंबर को नारायणपुर में नक्सलियों ने पूर्व उपसरंपच दुलारू ध्रुव की हत्या की।

– 24 नवंबर को नारायणपुर में आमदई पहाड़ी पर आइईडी विस्फोट में ग्रामीण रीतेश गागड़ा व श्रवण गागड़ा की मौत हुई।

– 27 नवंबर को दंतेवाड़ा के भांसी में सड़क निर्माण कंपनी की 14 वाहनों में आगजनी की।

– बीते एक सप्ताह में सुरक्षा बल ने नक्सलियों के लगाए हुए 100 किलो से अधिक विस्फोटक ढूंढकर नष्ट किए हैं।

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