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CG News: कई जिलों में धान की तस्करी रोकने की चुनौती, तस्करी करने बिचौलिए अपना रहे नया-नया पैंतरा

रायपुर (राज्य ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने प्रति एकड़ धान खरीदी की लिमिट बढ़ाकर 20 क्विंटल कर दी है। यह सिंचाई युक्त भूमि स्वामियों के लिए फायदे का सौदा है, लेकिन ऐसे क्षेत्र जहां धान का उत्पादन सात से 10 क्विंटल के बीच है। ऐसे क्षेत्रों में पड़ोसी राज्यों से धान की तस्करी होने की आशंका बढ़ गई है। हाल ही में गरियाबंद जिले में ओडिशा सीमा में 300 बोरी धान जब्त किया गया। इस जिले में धान का औसत उत्पादन सात से नौ क्विंटल बताया जाता है।

सूत्रों के मुताबिक पड़ोसी राज्यों के बिचौलिए किसानों को बहला-फुसलाकर उनके खाते में तस्करी का धान बेचने की रणनीति बना रहे हैं। इस मामले में कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि प्रति एकड़ धान की खरीदी की लिमिट बढ़ाने से किसानों को फायदा होगा, लेकिन कई क्षेत्र जहां कम उत्पादन हो रहा है, वहां विशेष निगरानी रखे जाने की आवश्यकता है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में रिकार्ड 130 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया है।

बार्डर पर चेक पोस्ट की जरूरत

विशेषज्ञों का कहना है कि धान की तस्करी रोकने के लिए बार्डर पर चेक पोस्ट बनाने की आवश्यकता है। इसमें ओडिशा, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र आदि राज्यों की सीमा पर जांच की जा सकती है। धान की तस्करी रोकने के लिए राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ में धान के परिवहन पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। खाद्य विभाग ने जारी आदेश में कहा है कि धान उपार्जन अवधि के दौरान सीमावर्ती राज्यों से धान लाकर राज्य के उपार्जन केंद्रों में समर्थन मूल्य पर बेचने की आशंका बनी रहती है। इसलिए धान खरीदी केद्रों में अन्य राज्यों के धान की आवक रोकने के लिए बिना अनुमति आयात पर प्रतिबंध लगाया गया है।
 

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