Teacher Promotion Case : छत्तीसगढ़ के 2723 शिक्षक तीन महीने से स्कूलों से बाहर, कार्यालयों में लगा रहे चक्कर, पढ़ाई प्रभावित"/>

Teacher Promotion Case : छत्तीसगढ़ के 2723 शिक्षक तीन महीने से स्कूलों से बाहर, कार्यालयों में लगा रहे चक्कर, पढ़ाई प्रभावित

HIGHLIGHTS

  1. हाई कोर्ट के आदेश को लेकर शिक्षक-अफसर के बीच में नहीं बन पा रही सहमति
  2. दीवाली गई फीकी, तीन महीने से नहीं मिली सैलरी
  3. स्कूलों में पदस्थापना नहीं मिलने से विद्यार्थियों की पढ़ाई हो रही प्रभावित

रायपुर (राज्य ब्यूरो)। राज्य के 2,723 शिक्षक पिछले तीन महीने से स्कूलों से बाहर हैं। न वह स्कूल में पढ़ा पा रहे हैं और न ही विभाग उनको ज्वाइन कराने में कोई पहल कर पा रहा है। नतीजा यह हो रहा है कि जिन बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी इन शिक्षकों पर है, उनका भविष्य भी दांव पर लगा हुआ है। स्कूलों में सहायक शिक्षक से शिक्षक पद पर पदोन्नति के बाद पदस्थापना (पोस्टिंग) में हुई गड़बड़ी का खामियाजा प्रदेश के हजारों विद्यार्थियों को उठाना पड़ रहा है। शिक्षा सत्र के बीच में दो हजार से अधिक शिक्षक स्कूलों से बाहर हो गए हैं।

मामले में कोर्ट ने राहत देते हुए नवंबर के पहले सप्ताह स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में सभी संयुक्त संचालकों को सदस्य बनाते हुए एक कमेटी गठित करने के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही कमेटी को इन शिक्षकों से अभ्यावेदन लेकर मामला निपटाने के लिए कहा है। शिक्षकों का दावा है कि कोर्ट ने विवाद थमने तक पिछले स्कूलों में ज्वाइन करने और शिक्षकों की सैलरी निकालने के लिए निर्देशित किया है, मगर अफसर कोर्ट के आदेश की अपने तरीके से व्याख्या कर रहे हैं। इससे उनकी ज्वाइनिंग नहीं हो पाई है।
 

दीवाली गई फीकी, तीन महीने से सैलरी नहीं

स्कूलों से बाहर हुए शिक्षकों के सामने समस्या हो गई है। बच्चों का भविष्य भी गेहूं के साथ घुन की तरह पिस रहा है मगर अफसरों को इनका विवाद सुलझाने की फुर्सत नहीं है। मामले में स्कूल शिक्षा सचिव डा. एस. भारतीदासन और स्कूल शिक्षा संचालक सुनील कुमार जैन से बात करने की कोशिश की गई मगर उनसे संपर्क नहीं हो पाया। ज्ञात हो कि राज्य सरकार ने चार सितंबर को उन शिक्षकों की पदस्थापना आदेश को निरस्त कर दिया था जिनकी पदस्थापना को संशोधित किया गया था।
 
जारी आदेश के मुताबिक इन शिक्षकों को 10 दिन के भीतर उन स्कूलों में ज्वाइनिंग देनी थी, जहां पदोन्नति के बाद पहली पदस्थापना हुई थी। सरकार के आदेश को 700 से ज्यादा शिक्षकों ने चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कोर्ट ने भी शिक्षकों की सुनने के लिए राज्य शासन को निर्देशित किया है मगर मामला सुलझ नहीं पा रहा है। गौरतलब है कि विभाग पदस्थापना आदेश संशोधित कर गड़बड़ी करने के आरोप में रायपुर, दुर्ग, सरगुजा और बिलासपुर के संयुक्त संचालकों समेत 12 अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित भी कर चुका है। इनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है।

यह है पूरा मामला

प्रदेश के शिक्षा संभागों के संयुक्त संचालकों ने सहायक शिक्षकों की शिक्षक के पद पर पदोन्नति की थी। इसमें 9,749 शिक्षकों ने काउंसिलिंग के लिए विकल्प भरा था और 867 ने सहमति नहीं दी थी। बिलासपुर संभाग में 2,785, दुर्ग संभाग में 1,505, रायपुर संभाग में 1,283, सरगुजा संभाग में 2,997 और बस्तर संभाग में 2206 शिक्षकों को पदोन्नति मिली थी। इनमें ज्यादातर शिक्षकों ने पदोन्नति के बाद पदस्थ किए गए स्कूलों में ज्वाइनिंग दे दी है। बाकी 2,723 शिक्षकों ने अपनी पदस्थापना में संशोधन कराया था। इन्हीं शिक्षकों के संशोधन आदेश को सरकार ने निरस्त कर दिया है।
 
 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button