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Raipur News: आगजनी रोकने रेलवे का अभियान, तीन दिनों में 100 से अधिक ट्रेनों की जांच, इन लोगों पर हुई कार्रवाई

HIGHLIGHTS

  1. ज्वलनशील सामान की जांचकर की जा रही है त्वरित कार्रवाई।
  2. ट्रेनों में अग्निशमन यंत्रों की उपलब्धता और वैधता की ली जानकारी।
  3. 16 नवंबर तक 74 मामलों में आरोपितों पर हुई रेल अधिनियम के तहत कार्रवाई।

रायपुर। रेलवे की ओर से अग्नि दुर्घटना से यात्रियों के बचाव के लिए विशेष जागरूकता और जांच अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत रेलवे अधिकारियों, कर्मचारियों की टीम ने पिछले तीन दिनों में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से होकर गुजरने वाली 100 से अधिक ट्रेनों की जांच की है। वाणिज्य विभाग और रेलवे सुरक्षा बल द्वारा गाड़ियों के पैंट्रीकारों सहित यात्री डिब्बों में ले जाए जा रहे किसी भी प्रकार के विस्फोटक और एलपीजी सिलेंडर, केरोसिन स्टोव आदि ज्वलनशील सामान की जांचकर त्वरित कार्रवाई की जा रही है। स्टेशन परिसर के चारों ओर सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी भी रखी जा रही है। साथ ही गाड़ियों में धूम्रपान पर रोक, अग्निशमन यंत्रों की उपलब्धता व वैधता भी जांची जा रही है। गाड़ियों में यात्रियों को अग्निशमन यंत्रों, आपातकालीन खिड़की के प्रयोग संबंधी जानकारी दी जा रही है।

अधिकारियों का कहना है कि यात्री सुरक्षा रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता है। ट्रेनों में आग लगने की घटनाएं मानव जीवन और रेल संपदा के लिए सबसे गंभीर आपदाओं में से एक है, इसलिए अग्नि सुरक्षा जागरूकता अभियान सुरक्षित यात्रा वातावरण बनाने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। इसका मुख्य उद्देश्य यात्रियों को ट्रेनों में यात्रा के दौरान अग्नि सुरक्षा के महत्व से अवगत कराना तथा जागरूकता अभियान चलाकर आगजनी घटनाओं के जोखिम को कम करना है। सभी टिकट चेकिंग कर्मचारियों को ड्यूटी के दौरान अग्निशमन यंत्रों की उपलब्धता और गाड़ियों में प्रतिबंधित सामान की जांच करने के लिए निर्देशित किया गया है।

तीन वर्ष का कारावास और जुर्माना

अधिकारियों का कहना है कि यात्री गाड़ियों में किसी भी प्रकार का ज्वलनशील और विस्फोटक (गैस सिलेंडर, केरोसिन, पेट्रोल, डीजल, पटाखा) सामान इत्यादि लेकर यात्रा न करें, इससे बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती है। साथ ही ऐसी गलती से लोगों की जानमाल का नुकसान भी हो सकता है। रेल यात्रा के दौरान स्टेशन, प्लेटफार्म अथवा यात्री गाडियों में ज्वलनशील और विस्फोटक सामान को लेकर जाना धारा 164 रेल अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध है। ऐसे करते पकड़े जाने पर तीन साल तक का कारावास और जुर्माना का प्रविधान है।

74 मामलों में कार्रवाई

जागरूकता और सघन चेकिंग अभियान के अंतर्गत रेलवे सुरक्षा बल द्वारा 16 नवंबर तक कुल 74 मामलों में आरोपितों पर रेल अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। इसमें यात्री गाड़ियों में यात्रियों द्वारा केरोसिन, पेट्रोल, डीजल तथा पटाखें लेकर यात्रा करने के साथ ही पेंट्रीकार की चेकिंग के दौरान गैस सिलेंडर पाए जाने के मामले शामिल हैं।

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