CG Chunav 2023: छत्‍तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार, रायपुर उत्तर में महिलाओं ने संभाली मतदान की जिम्मेदारी"/> CG Chunav 2023: छत्‍तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार, रायपुर उत्तर में महिलाओं ने संभाली मतदान की जिम्मेदारी"/>

CG Chunav 2023: छत्‍तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार, रायपुर उत्तर में महिलाओं ने संभाली मतदान की जिम्मेदारी

HIGHLIGHTS

  1. 804 महिलाएं निभा रही थीं प्रत्यक्ष भूमिकाl
  2. 200 को विशेष परिस्थितियों के लिए रखा गया थाl
  3. पीठासीन से लेकर मतदान अधिकारी तक सभी महिलाएं ही थीं

रायपुर। CG Election 2023: रायपुर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के सभी 201 मतदान केंद्रों में इस बार सिर्फ महिलाओं ने मतदान कराने की जिम्मेदारी संभाली। प्रदेश में पहली बार किसी विधानसभा क्षेत्र का जिम्मा पूरी तरह महिलाओं को मिला। यहां पीठासीन से लेकर मतदान अधिकारी तक सभी महिलाएं ही थीं। 804 महिलाएं प्रत्यक्ष जबकि 200 महिलाएं विशेष परिस्थितियों के लिए तैनात थीं। पर्यवेक्षक भी महिला आइएएस विमला आर थीं। प्रदेश की मुख्य चुनाव अधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले भी महिला हैं।

कलेक्टर डा. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने कहा, निर्वाचन प्रक्रिया शुरू होते ही हमें यह विचार आया कि क्यों न जिले की एक विधानसभा में निर्वाचन का पूरा दायित्व महिलाओं को सौंपा जाए। सभी ने इसे सराहा। महिलाएं भी हमारे भरोसे पर खरी उतरीं।

रायपुर उत्‍तर विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला

रायपुर की उत्‍तर विधानसभा सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है। दरअसल, कांग्रेस ने संसदीय सचिव कुलदीप जुनेजा को चुनावी मैदान में उतारा है तो वहींं कांग्रेस के ही बागी अजीत कुकरेजा निर्दलीय चुनाव लड़ने से इस सीट पर मुकाबला रोचक हो गया है। वहीं भाजपा प्रत्‍याशी पुरंदर मिश्रा भी मजबूत चुनौती दे रहे हैं।

बतादें कि वर्ष 2008 के परिसीमन में बनी रायपुर उत्तर सीट के मतदाता हर चुनाव में अलग-अलग पार्टी के विधायक चुनते आ रहे हैं। इस सीट पर सिंधी समाज, उत्कल समाज, गुजराती समाज, सिख समाज, मुस्लिम और ब्राम्हण मतदाताओं की संख्या लगभग-लगभग बराबर है। यही कारण है कि यहां कांग्रेस और भाजपा की तरफ से समाज विशेष का उम्मीदवार मैदान में उतारा जाता है।

विधानसभा क्षेत्र के परिसीमन के बाद हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के सिख समाज के नेता कुलदीप जुनेजा ने जीत दर्ज की थी। कांग्रेस ने पिछले तीनों चुनाव में जुनेजा को उम्मीदवार बनाया, जिसमें से वह दो बार जीते। जबकि भाजपा ने सिंधी समाज के नेता श्रीचंद सुंदरानी को मैदान में उतारा तो उन्होंने 2013 में जीत दर्ज की थी। वर्तमान विधायक कुलदीप जुनेजा की पार्टी सरकार में है, इसलिए जनता को उनसे ज्यादा उम्मीद भी है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button