Chhattisgarh Election 2023: दुर्ग संभाग की हाईप्रोफाइल सीटों पर कांग्रेस-भाजपा के दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर, सीएम समेत चार मंत्री मैदान में"/>

Chhattisgarh Election 2023: दुर्ग संभाग की हाईप्रोफाइल सीटों पर कांग्रेस-भाजपा के दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर, सीएम समेत चार मंत्री मैदान में

HIGHLIGHTS

  1. कांग्रेस से मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, कृषि मंत्री, पीएचई और महिला बाल विकास मंत्री मैदान में।
  2. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में दुर्ग संभाग की 12 में से 11 सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी।
  3. संभाग की 12 में से दो एसटी और एक एससी वर्ग के लिए सीट आरक्षित है।

टी. सू्र्याराव, भिलाई (नईदुनिया)। दूसरे चरण के चुनाव में दुर्ग संभाग की 12 सीटों पर शुक्रवार को मतदान होगा। संभाग की पांच विधानसभा सीट हाईप्रोफाइल है, जहां मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, कृषि मंत्री, पीएचई मंत्री और महिला व बाल विकास मंत्री मैदान में हैं। भाजपा के दिग्गज नेता भी कुछ सीटों पर भाग्य आजमा रहे हैं। चुनावी शोर थमने और राजनीतिक दलों का घोषणा पत्र जारी होने के बाद 17 नवंबर को मतदान है, लेकिन मतदाताओं की खामोशी ने नेताओं की नींद उड़ा रखी है।

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में दुर्ग संभाग की 12 में से 11 सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। एक मात्र वैशाली नगर विधानसभा सीट भाजपा की झोली में गई थी। इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए इन सीटों को बचाए रखना किसी चुनौती से कम नहीं है। संभाग की 12 में से दो एसटी और एक एससी वर्ग के लिए सीट आरक्षित है।
 

पाटन में कका-भतीजा के बीच रोचक मुकाबला

पाटन विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस और दुर्ग सांसद विजय बघेल भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। यहां छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी के अमित जोगी भी चुनाव लड़ रहे हैं। इस कारण इस विधानसभा क्षेत्र में मुकाबला दिलचस्प हो गया है। भूपेश बघेल सातवीं बार इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इसके पहले हुए छह विधानसभा चुनाव में से पांच में भूपेश बघेल को जीत मिली थी। वर्ष 2008 का विधानसभा चुनाव वे भाजपा प्रत्याशी विजय बघेल से हार गए थे। पाटन विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी दुर्ग सांसद विजय बघेल वर्ष 2008 में इस विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुए थे। वे चौथी बार इस सीट से विधायक का चुनाव लड़ रहे हैं। सबसे पहले वर्ष 2003 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े थे। वर्ष 2008 और 2013 में भाजपा ने उन्हें प्रत्याशी बनाया था। वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल को पराजित किया था। विजय बघेल वर्ष 2019 में दुर्ग लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए। वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उसे घोषणा पत्र समिति का संयोजक बनाया। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी से अमित जोगी भी इस सीट से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। अमित जोगी वर्ष 2013 में मरवाही से विधायक रहे।

दुर्ग ग्रामीण में 30 वर्षों से सक्रिय ललित टक्कर देंगे ताम्रध्वज को

वर्ष 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई इस विधानसभा सीट से गृहमंत्री व कांग्रेस प्रत्याशी ताम्रध्वज साहू चुनाव लड़ रहे हैं। वे वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से विधायक निर्वाचित हुए थे। ताम्रध्वज साहू क्षेत्र बदलकर चुनाव लड़ते रहे हैं। पहले वे धमधा और उसके बाद बेमेतरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। हालांकि वर्ष 2013 में बेमेतरा विधानसभा सीट से उन्हें पराजय मिली थी। वे वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में दुर्ग संसदीय क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए थे। भाजपा ने यहां जिला भाजपा के महामंत्री ललित चंद्राकर को मैदान में उतारा है। ललित चंद्राकर पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि इस विधानसभा क्षेत्र में करीब 30 वर्षों से उसकी सक्रियता देखने को मिल रही है।

दुर्ग शहर में अरूण सातवीं बार आजमा रहे किस्मत

दुर्ग शहर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी अरुण वोरा सातवीं बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। पिछले छह चुनावों में उन्हें तीन बार जीत मिली है और तीन बार पराजित हुए हैं। वर्तमान में वे वेयर हाउस कार्पोरेशन के अध्यक्ष भी हैं। भाजपा ने इस विधानसभा चुनाव में गजेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाया है। गजेंद्र पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। वे दुर्ग निगम में पार्षद भी रह चुके हैं। राज्य में भाजपा शासन काल के दौरान वे स्काउट गाइड के मुख्य आयुक्त भी रहे हैं। वे भाजपा संगठन में अलग-अलग पदों पर रहने के साथ ही आरएसएस से भी जुड़े रहे।

भिलाई नगर में देवेंद्र और प्रेमप्रकाश के बीच सीधी टक्कर

भिलाई नगर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने वर्तमान विधायक देवेंद्र यादव को पुन: प्रत्याशी बनाया है। एनएसयूआइ से राजनीति की शुरुआत करने वाले देवेंद्र नगर निगम भिलाई के महापौर भी रह चुके हैं। इस विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के दिग्गज नेता प्रेमप्रकाश पांडेय चुनाव लड़ रहे हैं। वर्ष 1990 में इस सीट से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने वाले प्रेमप्रकाश पांडेय अविभाजित मध्यप्रदेश में मंत्री रह चुके हैं। वे छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे हैं और मुख्यमंत्री रमन सिंह के कार्यकाल में केबिनेट मंत्री रह चुके हैं।

साजा में चौबे को बिरनपुर हिंसा के पीड़ित ईश्वर साहू दे रहे टक्कर

साजा विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। इस विधानसभा क्षेत्र से कृषि मंत्री रविंद्र चौबे कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे हैं। वे इस क्षेत्र से सात बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। उन्हें वर्ष 2013 में भाजपा प्रत्याशी लाभचंद बाफना ने हराया था। पिछले दिनों बिरनपुर में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद यह विधानसभा क्षेत्र चर्चा में आया है। भाजपा ने यहां बिरनपुर हिंसा में पीड़ित परिवार के ईश्वर साहू को प्रत्याशी बनाया है।

नवागढ़ में पूर्व मंत्री और वर्तमान मंत्री में हो रही जोर आजमाइश

एससी वर्ग के लिए आरक्षित नवागढ़ विधानसभा क्षेत्र से पीएचई मंत्री गुरु रुद्र कुमार कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने वर्ष 2018 का विधानसभा चुनाव दुर्ग जिले के अहिवारा से लड़ा था। इस बार उन्होंने सीट बदल दी है। भाजपा ने दयालदास बघेल को यहां से प्रत्याशी बनाया है। दयालदास पूर्व में भी इस विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं। वे रमन सरकार में मंत्री भी रहे हैं।

डौंडीलोहारा में अनिला का मुकाबला देवलाल से

बालोद जिले का डौंडीलोहारा विधानसभा क्षेत्र एसटी आरक्षित है। यहां कांग्रेस से महिला व बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया चुनाव लड़ रही हैं। वे पहले भी इस सीट से विधायक रह चुकी हैं। भाजपा ने यहां देवलाल ठाकुर को मैदान में उतारा है। देवलाल ठाकुर पहले कांग्रेस में थे। उन्होंने वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से बगावत कर इस सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था। वे जिला पंचायत बालोद के अध्यक्ष भी रहे हैं।

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