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पीआरएसयू पीजी कोर्स में करेगा बदलाव, रोजगारपरक बनाने के लिए 25 प्रतिशत तक बदलेंगे कंटेंट

HIGHLIGHTS

  1. पीआरएसयू के विभागाध्यक्ष नया पाठ्यक्रम बनाने में जुटेl
  2. छात्रों को रोजगार से जोड़ने को लेकर पाठ्यक्रम तैयार
  3. पाठ्यक्रम में 25 प्रतिशत नया कंटेंट जोड़ने पर हो रहा विचार

रायपुर। नई शिक्षा नीति के तहत पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय अपने पीजी कोर्स में बदलाव करने की तैयारी में जुटा है। दो नवंबर को हुई बैठक में सभी विभागाध्यक्षों को 10 नवंबर तक अंतरराष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखते हुए पीजी कोर्स को व्यवहारिक बनाने के लिए क्या-क्या कंटेंट जोड़ा जा सकता है, इसकी जानकारी देने के लिए निर्देशित किया गया है। इस आधार पर एमए, एमएससी, एमकाम के पाठ्यक्रम में 25 प्रतिशत नया कंटेंट जोड़ने पर विचार हो रहा है।

छात्रों को रोजगार से जोड़ने और इंडस्ट्री की मांग को भी पाठ्यक्रम तैयार करते समय ध्यान में रखा जाएगा। यह पाठ्यक्रम अगले सत्र से लागू होगा। पाठ्यक्रम के लिहाज से ये बहुत बड़ा बदलाव होने वाला है। साइंस की तरह आर्ट्स और कामर्स की पढ़ाई करने वाले छात्रों को भी प्रोजेक्ट वर्क दिया जाएगा। पीजी की पढ़ाई को रोजगार परख बनाने के लिए इंटर्नशिप पर ज्यादा जोर देने का प्रस्ताव है। नया पाठ्यक्रम अगले सत्र 2024-25 से पं.रविशंकर विश्वविद्यालय में संचालित अध्ययनशाला और इससे संबद्ध 137 कालेजों में लागू होगा।
 

विश्वविद्यालय को पीजी पाठ्यक्रम में बदलाव करने का अधिकार

जानकारों ने बताया कि विश्वविद्यालय को अपने पाठ्यक्रम में बदलाव करने का अधिकार है। सभी विश्वविद्यालय अपने स्तर पर पीजी कोर्स में बदलाव करते रहते हैं। पिछले कुछ वर्ष पहले भी पीजी कोर्स में बदलाव किया गया था, जिसमें नए अध्याय जोड़कर पुरानों को हटा दिया गया था।

अधिकारियों ने बताया कि पीजी का पूरा कोर्स नहीं बदला जाएगा। अभी वर्तमान में जो कोर्स छात्रों को पढ़ाया जा रहा है, वह ठीक है, लेकिन समय की मांग के अनुसार नई चीजें जोड़ना जरूरी है। इस लिए कुछ चीजों हटानी पड़ेंगी। नई शिक्षा नीति के अनुसार पढ़ाई के साथ-साथ प्रैक्टिकल पर ज्यादा ध्यान देना है। नया कोर्स भी प्रैक्टिकल बेस्ड डिजाइन कर रहे हैं, ताकि छात्रों को किताबी ज्ञान के अलावा प्रायोगिक ज्ञान भी मिल सके।

सेमेस्टर परीक्षाओं के पाठ्यक्रम में होगा बदलाव पं. रविशंकर विश्वविद्यालय में संचालित अध्ययनशाला और संबद्ध कालेजों में पीजी की लगभग 18 हजार सीटें हैं। पीजी का कोर्स सेमेस्टर प्रणाली के तहत संचालित होता है। कोर्स में जो भी बदलाव होंगे, वे सेमेस्टर प्रणाली के पाठ्यक्रम में किए जाएंगे। वार्षिक प्रणाली के तहत पीजी में जिन कक्षाओं की परीक्षा होती है, उनमें बदलाव नहीं किया जाएगा। एमए, एमएससी, एमकाम की वार्षिक परीक्षा सिर्फ प्राइवेट परीक्षा देने वाले छात्रों की होती है।

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