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काम की खबर: अब घर बैठे कर सकेंगे वॉटर टैक्‍स का पेमेंट, RDA ने शुरू की ये ऑनलाइन सुविधा

 रायपुर। आरडीए (Raipur Development Authority) ने ऑनलाइन भुगतान की सुविधा शुरू की है। आरडीए के इन्द्रप्रस्थ रायपुरा फेस-2 के फ्लैट्स के निवासी अब जलशुल्क का भुगतान ऑनलाइन कर सकेंगे। इससे अब इन्द्रप्रस्थ रायपुरा फेस-2 के फ्लैट्स के निवासियों को जलशुल्क जमा करने के लिए प्राधिकरण कार्यालय आने की जरुरत नहीं पड़ेगी। राशि का भुगतान क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और यूपीआइ से किया जा सकेगा।

आवास एवं पर्यावरण की सचिव आर संगीता की उपस्थिति में इसका प्राधिकरण कार्यालय में शुभारंभ हुआ। वहीं दूसरी ओर आरडीए के संचालक की हुई बैठक में कौशल्या माता विहार (कमल विहार) योजना के सेक्टर 1, 2, 8ए, 8बी, 10, 11बी, 14ए एवं 14बी में 253 दो बीएचके ईडब्लूएस फ्लैट्स तथा रो हाऊस निर्माण कार्य पूरा नहीं करने वाले ठेकेदार का कार्य निरस्त कर उसे ब्लैक लिस्ट करने का निर्देश दिया गया। बैठक में ठेकेदार की रिस्क एंड कास्ट पर शेष निर्माण कार्य को पूर्ण करने के लिए न्यूनतम निविदा राशि 14.125 करोड़ रुपये की स्वीकृति देते हुए नई निर्माण एजेंसी को नियुक्त करने का निर्णय लिया गया।

अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार संचालक मंडल की बैठक में देवेंद्रनगर स्थित सिटी सेंटर मॉल के पीछे एकता मॉल निर्माण के लिए निविदित दर स्वीकृति की गई। प्राधिकरण कार्यालय में हुई बैठक की अध्यक्षता रायपुर विकास प्राधिकरण की अध्यक्ष व आवास एवं पर्यावरण विभाग की सचिव आर. संगीता ने की। बैठक में पीएम एकता मॉल के निर्माण एजेंसी की नियुक्ति को स्वीकृति दी गई। वह देवेन्द्रनगर के छत्तीसगढ़ हाट के स्थान पर निर्मित होगा।

पीएम एकता माल में यह होगा

पीएम एकता माल में सभी राज्यों के हस्तशिल्प उत्पादों की दुकानें होगीं तथा छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के हस्तशिल्प उत्पादों की दुकानें होगीं। पीएम एकता माल का सुपर बिल्टअप क्षेत्रफल 4,73,392 वर्गफुट तथा निर्माण लागत रुपये 150.70 लाख रुपये होगी।

यह भी हुआ प्रस्ताव

एक अन्य प्रस्ताव में राज्य आर्थिक अपराध ब्यूरो व्दारा पूर्व के एक प्रकरण क्रमांक 17/95 में वाद दायर करने के कारण शैलेंद्र नगर योजना के 178 भूखंडधारियों की नस्तियों जप्त की गई थी। ऐसे प्रभावित गत 25 वर्षों से अपनी आवंटित संपत्तियों को विक्रय, हस्तांतरित नही कर पा रहे थे। राज्य आर्थिक अपराध ब्यूरो के प्रकरण का न्यायालय में खात्मा होने के बाद अब प्रभावित भूखंडधारियों को फ्रीहोल्ड व विक्रय अनुमति को दी जा सकेगा। इससे प्रभावित लोगों का काफी राहत मिलेगी।

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