नशीली दवाओं के बाद प्रतिबंधित इंजेक्शन का खोल लिया व्यापार, तीन साल पहले पुलिस ने किया था गिरफ्तार
HIGHLIGHTS
- तीन साल पहले पुलिस ने की थी ताबड़तोड़ छापामार कार्रवाई
- पुलिस ने संलिप्त कारोबारियों को गिरफ्तार कर भेजा था जेल
- पुलिस कर रही है आरोपित से लगातार पूछताछ
रायपुर। तीन साल पहले रायपुर पुलिस ने ताबड़तोड़ छापामार कार्रवाई कर नशीली दवाओं के कारोबार का न केवल भंडाफोड़ किया था, बल्कि इस कारोबार को आसपास के राज्यों तक फैलाने वाले कारोबारियों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था। इनमें महावीर नगर का कारोबारी प्रेम झा भी शामिल था। कई महीनों तक फरारी काटने के बाद उसने कोर्ट से अग्रिम जमानत ले ली थी।
बावजूद इसके अधिक पैसे कमाने के लालच में राजस्थान की जीबीएल फार्मास्यूटिकल कंपनी इस इंजेक्शन का निर्माण कर गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश की फर्म लाइफ वे फार्मास्यूटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड और रायपुर की सनराइज फार्मा के जरिए खपाया जा रहा था। सनराइज फार्मा प्रेम झा की है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि अगस्त 2020 में रायपुर में नशीले कफ सिरप के कारोबार का कोतवाली के तत्कालीन सीएसपी देवचरण पटेल ने भंडाफोड़ किया था।
दिल्ली से रायपुर तक फैलाया कारोबार
आठ साल पहले महासमुंद जिले के सरायपाली में भारी मात्रा में कफ सिरप जब्त किया गया था। इसकी आपूर्ति भी प्रेम झा ने की थी। उस समय खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने जांच के बाद उसकी दवा दुकान का लाइसेंस निरस्त कर दिया था। उसके बाद से प्रेम झा रायपुर छोड़कर दिल्ली में शिफ्ट हो गया। अपने साथ वह दवा दुकान का कामकाज संभाल रहे शैलेंद्र ताम्बोली को भी ले गया। बाद में रायपुर में दवा दुकान बहाल कराकर दोबारा अपनी पत्नी की देखरेख में कर्मचारियों के जरिए संचालित करने लगा।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन के सहायक नियंत्रक बसंत कौशिक ने कहा, प्रतिबंधित इंजेक्शन डायक्लोफेनिक की अवैध तरीके से खरीद-फरोख्त मामले की जांच चल रही है। राजस्थान से लगातार प्रतिबंधित इंजेक्शन मंगाया जा रहा था। जांच के घेरे में कई लोग हैं, जिनके खिलाफ सुबूत मिलेगा। उन पर सख्ती से कार्रवाई करेंगे।