अनंत चतुर्दशी पर क्या है 14 गाठों वाले सूत्र का राज, पढ़ें इसका महत्व और रक्षासूत्र बांधने की विधि
Anant Chaturdashi Raksha Sutra: अनंत चतुर्दशी के दिन पूजा के बाद बाजू में बांधे जाने वाले सूत्र में 14 गांठ होती है। यह सूत्र पहले भगवान विष्णु को बांधा जाता है। फिर स्वयं के या परिवार के किसी सदस्य को यह रक्षा सूत्र बांध सकते हैं।
HIGHLIGHTS
- अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश उत्सव का समापन होता है।
- अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है।
- भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति के कष्टों का अंत होता है।
Anant Chaturdashi Raksha Sutra: सनातन धर्म में अनंत चतुर्दशी का बहुत महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी के दिन श्रीहरि की पूजा करने से जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है। इस साल अनंत चतुर्दशी 28 सितंबर, गुरुवार को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु को रक्षा सूत्र बांधने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन प्रभु को 14 गांठों वाला रक्षा सूत्र बांधना चाहिए।
अनंत चतुर्दशी पर रक्षा सूत्र बांधने का महत्व
अनंत चतुर्दशी के दिन पूजा के बाद बाजू में बांधे जाने वाले सूत्र में 14 गांठ होती है। यह सूत्र पहले भगवान विष्णु को बांधा जाता है। फिर स्वयं के या परिवार के किसी सदस्य को यह रक्षा सूत्र बांध सकते हैं। रक्षा सूत्र के गांठ चौदह लोगों का प्रतीक मानी जाती है। हर गांठ एक लोक का प्रतिनिधित्व करती है। इसके अलावा गांठे भगवान विष्णु के 14 रूपों का प्रतीक है। जो जातक इस दिन श्रीहरि को रक्षा सूत्र बांधता है, उसे 14 लोकों के सभी सुख प्राप्त होते हैं। 14 सहस्त्र पापों से मुक्ति मिल जाती है। भगवान स्वयं उस व्यक्ति की रक्षा करते हैं।
-
IND Vs BAN Test, Day 1: बांग्लादेश ने जीता टॉस, टीम इंडिया की पहले बल्लेबाजीSeptember 19, 2024
अनंत चतुर्दशी पर रक्षा सूत्र को बांधने की विधि
अनंत चतुर्दशी पर बांधा जाने वाला रक्षा सूत्र रेशम या कपास से बना होता है। रक्षा सूत्र को दूध में भिगोना चाहिए। फिर उसे भगवान विष्णु को अर्पित कर पूजा-पाठ करें। आप रक्षा सूत्र भगवान विष्णु को बांध सकते हैं या उनके चरणों में रख सकते हैं। नित्य पूजाकर्म करने के रक्षा सूत्र को बांधना चाहिए। रक्षा सूत्र बांधने से ग्रह शांत होते हैं। सभी प्रकार के दोषों से छुटकारा मिलता है।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’