पोस्टिंग विवाद: छत्‍तीसगढ़ के दो हजार से ज्यादा शिक्षक स्कूलों से बाहर

HIGHLIGHTS

  1. बीच शिक्षा सत्र में पढ़ाई हो रही प्रभावित
  2. 700 से ज्यादा शिक्षकों ने ली कोर्ट में शरण

रायपुर(राज्य ब्यूरो)। स्कूलों में सहायक शिक्षक से शिक्षक पद पर पदोन्नति के बाद पदस्थापना (पोस्टिंग) में हुई गड़बड़ी का खामियाजा प्रदेश के हजारों विद्यार्थियों को उठाना पड़ रहा है। बीच शिक्षा सत्र में दो हजार से अधिक शिक्षक स्कूलों से बाहर हो गए हैं।

ज्ञात हो कि राज्य सरकार ने चार सितंबर को 2,723 उन शिक्षकों की पदस्थापना आदेश को निरस्त कर दिया था जिनकी पदस्थापना को संशोधित किया गया था। जारी आदेश के मुताबिक इन शिक्षकों को 10 दिन के भीतर उन स्कूलों में ज्वाइनिंग देनी थी, जहां पदोन्नति के बाद पहली पदस्थापना हुई थी।

नईदुनिया ने पड़ताल की तो पाया कि अभी तक दो हजार से अधिक शिक्षकों ने ज्वाइनिंग नहीं दी है। 700 से ज्यादा शिक्षकों ने राज्य सरकार के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कोर्ट में मामला लंबित और आदेश का इंतजार किया जा रहा है।

हालांकि शिक्षा विभाग ने पदस्थापना आदेश निरस्त करने के साथ यह शर्त दिया था कि मूल जगहों पर ज्वाइनिंग नहीं देने वाले शिक्षकों की पदोन्नति भी निरस्त मानी जाएगी। साथ ही शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से वर्तमान स्कूल से कार्यमुक्त कर दिया गया था। यही वजह है कि शिक्षक न ही स्कूल में पदोन्नति ले पा रहे हैं और न ही पहले की तरह प्राथमिक स्कूलों में सेवाएं दे पा रहे हैं।

विद्यार्थियों का भविष्य संकट में

पदोन्नति के बाद पहले भी सैकड़ों स्कूल शिक्षक विहीन हो गए थे और अब इतनी संख्या में शिक्षकों के स्कूल से बाहर होने से विद्यार्थियों का भविष्य संकट में है। जानकारों की मानें तो पहली बार इस तरह की स्थिति निर्मित हुई है। अभी तक शिक्षक हड़ताल पर जाते थे तो स्कूलों में ताला लटकता था और अब कोर्ट में जाने के बाद ये स्थिति बन गई है। गौरतलब है कि विभाग ने पदस्थापना आदेश संशोधित कर गड़बड़ी करने के आरोप में रायपुर, दुर्ग, सरगुजा और बिलासपुर के संयुक्त संचालकों समेत 12 अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित भी कर चुका है। इनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है।

यह है मामला

प्रदेश के शिक्षा संभागों के संयुक्त संचालकों ने सहायक शिक्षकों की शिक्षक के पद पर पदोन्नति की थी। इसमें 9,749 शिक्षकों ने काउंसिलिंग के लिए विकल्प भरा था और 867 ने सहमति नहीं दी थी। बिलासपुर संभाग में 2,785, दुर्ग संभाग में 1,505, रायपुर संभाग में 1,283, सरगुजा संभाग में 2,997 और बस्तर संभाग में 2206 शिक्षकों को पदोन्नति मिली थी। इनमें ज्यादातर शिक्षकों ने पदोन्नति के बाद पदस्थ किए गए स्कूलों में ज्वाइनिंग दे दी है। बाकी 2,723 शिक्षकों ने अपनी पदस्थापना में संशोधन कराया था। इन्हीं शिक्षकों के संशोधन आदेश को सरकार ने निरस्त कर दिया है। इसके बाद विवाद शुरू हो गया है।

छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा प्रमुख सचिव डा. आलोक शुक्ला ने कहा, फिलहाल मामला कोर्ट में लंबित है। ऐसे शिक्षक जो कि पदोन्नति नहीं लेना चाहते हैं अगर वह लिखकर आवेदन देंगे तो उनके मामलों में विचार किया जाएगा।

संभागवार संशोधन वाले शिक्षकों की संख्या

संभाग कुल शिक्षक ज्वाइन किए

रायपुर 543 60

बिलासपुर 799 105

दुर्ग 438 50

सरगुजा 385 96

बस्तर 558 250

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