Hardeep Singh Nijjar: कौन था हरदीप सिंह निज्जर, जिसकी हत्या पर बिगड़ गए भारत-कनाडा संबंध
भारत सरकार ने निज्जर को जुलाई 2020 में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत "आतंकी" घोषित किया था।
सरे (कनाडा)। खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की इस साल 18 जून को कनाडा में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई। जब उसके शव को कनाडा पुलिस घटनास्थल से ले जा रही थी, तो सिखों के एक समूह ने खालिस्तान समर्थक और भारत विरोधी नारे लगाए। वह भारत में अति वांछित उग्रवादियों में शामिल था। उसे अक्सर वैंकूवर के भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर भारत के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करते देखा गया था। उस पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित था। दो अज्ञात हमलावरों ने सरे, ब्रिटिश कोलंबिया स्थित गुरु नानक सिख गुरुद्वारा साहिब के बाहर 45 वर्षीय निज्जर को गोलियों से भून दिया।
सरकार ने आतंकी घोषित किया था
पिछले कुछ वर्षों में हरदीप सिह निज्जर कनाडा में खालिस्तान समर्थक आंदोलन में एक प्रमुख चेहरे के रूप में उभरा था। भारत सरकार ने निज्जर को जुलाई 2020 में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत “आतंकी” घोषित किया था। एनआइए ने सितंबर 2020 में देश में उसकी संपत्ति जब्त कर ली थी। इससे पहले 2016 में इंटरपोल ने उसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी किया था।
अत्याधुनिक बंदूक चलाने का प्रशिक्षण
पंजाब में जालंधर के भारसिघपुर गांव के रहने वाले निज्जर का खालिस्तान समर्थक उग्रवाद से लंबा संबंध रहा है। वह पाकिस्तान में वार्षिक जत्थों में तारा से मिलता रहा। इस दौरान उसे आइईडी बनाने और अत्याधुनिक बंदूक चलाने का प्रशिक्षण दिया गया। निज्जर ने 2015 में कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और लोकप्रिय डेरा नेताओं को निशाना बनाने के लिए भारत भेजने से पहले तीन सिख युवाओं को एके-47 और रूसी स्नाइपर बंदूक चलाने का प्रशिक्षण दिया।