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CG Election 2023: छह मंत्रियों के दुर्ग पर दलों की नजर, संभाग की 20 में से 18 सीटों पर है कांग्रेस का कब्‍जा

CG Election 2023: छत्‍तीसगढ़ के दुर्ग संभाग की विधानसभा सीटों पर भी पेंच फंसा हुआ है। यहां विधानसभा की 20 सीटें हैं। इनमें से केवल चार सीटें पाटन, खैरागढ़, खुज्जी और मानपुर के लिए भाजपा ने अपने प्रत्याशी घोषित किए हैं। शेष सीटों के लिए अब भी मंथन चल रहा है। वहीं, कांग्रेस की टिकटें भी अब तक लंबित हैं। छह मंत्रियों वाले इस संभाग की 18 सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं। ऐसे में यहां की टिकटों पर सभी की दृष्टि लगी हुई है। भाजपा के पास इन मंत्रियों- विधायकों की काट ढूंढने की चुनौती है, तो कांग्रेस को अपना स्थान बचाने के लिए संघर्ष करना होगा।

भिलाई नगर विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस से दोनों पूर्व चेहरों को ही उम्मीदवार बनाए जाने की खबर है। जबकि वैशाली नगर विधानसभा से विधायक विद्यारतन भसीन के निधन के बाद कांग्रेस और भाजपा में घमासान की स्थिति है। हर कोई चुनाव लड़कर विधायक बनने का सपना देख रहा है। कांग्रेस में ब्लाक स्तर पर लिए गए आवेदनों के तहत 70 दावेदारों ने अपनी दावेदारी ठोक दी है। वहीं, भाजपा में भी ऐसे दावेदारों की संख्या कम नहीं है।

अहिवारा विधानसभा से मंत्री रूद्र गुरु फिर से चुनाव लड़ेंगे या नहीं, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। ऐसी स्थिति के बाद वहां पर भी दावेदारी को लंबी फौज तैयार हो गई है। इसमें कांग्रेस और भाजपा दोनों में कमोवेश एक जैसी स्थिति है। साजा विधानसभा से मंत्री रविंद्र चौबे के चुनाव लड़ने को लेकर अभी तक संशय की स्थिति है। कहा जा रहा है स्वास्थ्यगत कारणों की वजह से वहां से उनकी पसंद का प्रत्याशी चुनाव लड़ेगा। कई कांग्रेसी यहां पर भी मंत्री रविंद्र चौबे के हटने का इंतजार कर रहे हैं।

बेमेतरा विधानसभा में कांग्रेस की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है। यहां से कांग्रेस के युवा विधायक आशीष छाबड़ा हैं। पार्टी अभी उन्हें टिकट देगी कि नहीं, यह स्पष्ट नहीं है। भाजपा से पुराने चेहरे को लेकर चर्चा हो रही है। बालोद, डौंडीलोहारा, गुंडरदेही जैसे विधानसभा में भी भाजपा – कांग्रेस के दावेदारों के बीच घमासान है। डौंडीलोहारा से मंत्री अनिला भेड़िया हैं।

प्रदेश में नवंबर माह में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है। कांग्रेस के साथ ही विपक्षी पार्टी भाजपा में प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया अंतिम दौर में आकर रूक गई है। प्रदेश व केंद्रीय नेतृत्व की व्यस्तता के कारण घोषणा में समय लगने की बात कही जा रही है। यानी चुनावी मौसम में टिकटों की उम्मीदों का बादल वर्तमान में गहराया हुआ है। संभवत: सितंबर अंत में नामों की घोषणा के साथ ही दावेदारों पर भाग्य की वर्षा हो सकेगी।

दावेदारों ने बढ़ाई सक्रियता

टिकटों की घोषणा के पहले दावेदारों ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। त्योहारी मौसम में वे कोई अवसर नहीं छोड़ रहे। हर आयोजन में उनकी उपस्थिति देखी जा रही है। इसी माह पोला, तीज व गणेशोत्सव भी है। इसे लेकर भी उनकी सक्रियता देखने को मिल रही है। दूसरी तरफ भाजपा के जिन तीन प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है, वे सीधे मतदाताओं के बीच पहुंचकर चुनावी समीकरण बनाने में लगे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने डाला डेरा

जिले की सबसे हाईप्रोफाइल सीट राजनांदगांव की है। भाजपा कोर ग्रुप ने यहां से पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह के सिंगल नाम का प्रस्ताव पारित कर प्रदेश संगठन को भेज रखा है। उनकी उम्मीदवारी को लेकर पूरी पार्टी आश्वस्त है। इस बीच रमन ने संगठन में भी अपनी सक्रियता अचानक बढ़ा दी है। इस महीने वे लगातार दो दिनों तक राजनांदगांव में जाकर रुके। ग्रामीण मंडल के बूथ स्तरीय सम्मेलन में भी वे पहुंचे थे। शहर के दोनों मंडलों के बूथ स्तरीय सम्मेलन में उन्होंने कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दिया।

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