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Sawan Pradosh Vrat 2023: 13 अगस्त को रखा जाएगा सावन का तीसरा प्रदोष, जानिए तिथि एवं शुभ मुहूर्त

HighLights

  • 17 अगस्त को है सावन का तीसरा प्रदोष व्रत
  • इस दिन शाम के समय होती है भोलेनाथ की पूजा
  • इस दिन शिव की पूजा का विशेष महत्व

Sawan Pradosh Vrat 2023: शिव के भक्तों के लिए सोमवार का व्रत और प्रदोष व्रत विशेष महत्व रखता है। सावन के महीने में इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस साल सावन का तीसरा प्रदोष व्रत 13 अगस्त को रखा जाएगा। प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा शाम के समय में की जाती है। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने और शाम के वक्त भोलेनाथ की पूजा करने से सभी दुख-परेशानियां दूर होती हैं और मनोकामना पूरी होती है। आइए जानते हैं प्रदोष व्रत तिथि और शुभ मुहूर्त –

प्रदोष व्रत: तिथि और मुहूर्त

 

हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन के महीने में त्रयोदशी तिथि 13 अगस्त को पड़ रही है। त्रयोदशी की शुरुआत सुबह 8 बजकर 18 मिनट पर होगी और इसका समापन 4 अगस्त को सुबह 10 बजकर 26 मिनट पर होगा। चूंकि प्रदोष व्रत में शाम की पूजा का अधिक महत्व है, इसलिए 13 अगस्त को ही ये व्रत रखा जाएगा।

कैसे करें पूजन?

धर्म ग्रंथों के अनुसार इस दिन प्रदोष व्रत रखने और भगवान शिव की पूजा-अर्चना से भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस दिन पूजन के दौरान कुछ उपायों से सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।

    • इस दिन व्रत के बाद शाम को शिवलिंग पर 108 बेलपत्र अर्पित करें। इससे जीवन की सभी बाधाएं दूर होंगी और जीवन में सुख-समृद्धि आएगी।
    • इस दिन भगवान शिव के रुद्राभिषेक से राहु और केतु के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलेगी। साथ ही अन्य ग्रह बाधाओं से मुक्ति मिलेगी।
    • इस दिन दूध में थोड़ा-सा केसर मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। इससे कुंडली में बृहस्पति की स्थिति मजबूत होगी और आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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