बाहरी विधायकों को जिम्मेदारी देने की तैयारी में BJP, सीएम बघेल ने कहा- गुजरात-महाराष्ट्र से कोई भी आए, फर्क नहीं पड़ता"/>

बाहरी विधायकों को जिम्मेदारी देने की तैयारी में BJP, सीएम बघेल ने कहा- गुजरात-महाराष्ट्र से कोई भी आए, फर्क नहीं पड़ता

रायपुर Raipur News: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा हर क्षेत्र में बाहरी प्रदेश के विधायकों को जिम्मेदारी देने की तैयारी कर रही है। इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तीखा प्रहार किया है। युवाओं से भेंट मुलाकात के बाद रायपुर लौटे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से चर्चा में कहा कि गुजरात, महाराष्ट्र से कोई भी आए, चुनाव में फर्क नहीं पड़ता। चुनाव में कार्यकर्ता हाथ में जिम्मेदारी लेते हैं और चुनाव जीताते हैं।

पिछले विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पास प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी थी। अब तक वह एक विधानसभा सीट में विधायक बनने के लिए चुनाव लड़ते थे। लेकिन पिछले चुनाव में उनके पास सभी 90 विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी थी। पाटन के कार्यकर्ताओं ने कहा कि आप बाकी सीट पर ध्यान दें, पाटन में जीत दिलाने की हमारी जिम्मेदारी है। कार्यकर्ताओं ने जिम्मेदारी उठाई और 2013 के मुकाबले तीन गुना वोट से पाटन से जीत दर्ज हुई।

बाहरी प्रदेश के नेताओं पर भरोसा कर रही भाजपा

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के पास कोई चुनावी मुद्दा नहीं है। स्थानीय नेताओं से जनता का भरोसा उठ गया है, इसलिए बाहरी प्रदेश के नेताओं पर भरोसा कर रहे हैं। प्रदेश में सरकार को बदनाम करने के लिए ईडी और आइटी का सहारा लिया जा रहा है। अब तक प्रदेश में 200 छापे पड़ चुके हैं। आरोप लगाते हैं कि 2200 करोड़, 500 करोड़ का घोटाला हुआ। लेकिन जब संपत्ति जब्त करते हैं तो 500 करोड़ भी आंकड़ा नहीं पहुंचता है। मैं पहले ही कह चुका हूं कि ईडी और आइटी भाजपा के मोर्चा के रूप में काम कर रहे हैं। भाजपा नेताओं को यह समझना चाहिए कि ईडी और आइटी बूथ पर वोट डलवाने नहीं जाएंगे। ईडी-आइटी भाजपा को जीत नहीं दिला सकते हैं।

प्रत्याशी प्रदेश से होंगे या वो भी बाहर से लाएंगे: कांग्रेस

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने तंज कसते हुये कहा कि 90 विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के प्रत्याशी प्रदेश से होंगे या वो भी दूसरे राज्यो से लाएंगे? मुख्यमंत्री बघेल के चेहरा के आगे भाजपा के पास न स्थानीय चेहरा है, न स्थानीय प्रचारक। न ही भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं पर भरोसा है। भाजपा अब आयातित नेताओं के दम पर चुनाव लड़ेगी। जो भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह के चेहरा को विकास पुरुष बताने का 24 घंटा कसीदा पढ़ते थे? बृजमोहन अग्रवाल को प्रदेश की राजनीति का चाणक्य बताते थे, राजेश मूणत को मैनेजमेंट मैनेजर बोलते नहीं थकती थी? वहीं भाजपा अब इन चेहरों से दूर भाग रही है। प्रदेश के भाजपा नेता जनता का विश्वास पहले ही खो चुके है। अब भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी उन पर भरोसा नहीं कर रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button