Ambikapur News : बीमार पहाड़ी कोरवा को चटाई पर लिटाकर पार कराई नदी तब मिली एंबुलेंस

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Ambikapur News : बीमार पहाड़ी कोरवा को चटाई पर लिटाकर पार कराई नदी तब मिली एंबुलेंस

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Ambikapur News : बीमार पहाड़ी कोरवा को चटाई पर लिटाकर पार कराई नदी तब मिली एंबुलेंस

Ambikapur News : यहां के एक बीमार व्यक्ति को चटाई पर ढोकर स्वजन और ग्रामीणों ने महान नदी और एक नाले को पार कराया। उसके बाद उसे एंबुलेंस की सुविधा मिली। एंबुलेंस से राजपुर अस्पताल लाकर उसका उपचार किया गया।

राजपुर बलरामपुर जिले के कई गांव भौगोलिक दृष्टि से कठिन परिस्थितियों वाले हैं। वर्षा के दिनों में इन बसाहटों तक पहुंचना आसान नहीं होता। ऐसे कठिन समय में व्यवस्था की कमी भी उभरकर सामने आती है।ताजा मामला राजपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत उफ़िया के आश्रित ग्राम माकड़ का है। यहां के एक बीमार व्यक्ति को चटाई पर ढोकर स्वजन और ग्रामीणों ने महान नदी और एक नाले को पार कराया। उसके बाद उसे एंबुलेंस की सुविधा मिली। एंबुलेंस से राजपुर अस्पताल लाकर उसका उपचार किया गया।गंभीर रूप से बीमार होने के कारण उसे मेडिकल कालेज अस्पताल रिफर कर दिया गया है।

ग्राम पंचायत उफ़िया का आश्रित ग्राम माकड़ नदी-नालों से घिरा पहाड़ी कोरवा बहुल बस्ती है।यहां पहुंचने के तीन रास्ते हैं। तीनों रास्ते मे नदी और नाले हैं।बारिश में नदी-नालों में बाढ़ के कारण यह बसाहट पहुंचविहीन हो जाता है।इसी माकड़ गांव के भलवाहीपारा निवासी राजेश पहाड़ी कोरवा (19) पिछले एक सप्ताह से बीमार था। अस्पताल ले जाने की व्यबस्था नहीं होने के कारण वह घर में ही था।बुखार,पेट दर्द के कारण बिगड़ती तबीयत को देखते हुए घरवालों ने उसे अस्पताल ले जाने के लिए सोचा।लेकिन महान नदी और उसके बाद नाले का बाढ़ खतरा बन कर खड़ा था। संजीवनी एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकती थी।स्वजन व ग्रामीणों ने बीमार राजेश को चटाई पर लिटाया। लोगों ने उसे उठाया और पैदल ही एंबुलेंस तक ले जाने के लिए पैदल चल पड़े।पहले उन्होंने महान नदी को पार किया।फिर चटाई में ही राजेश को उठाकर नाले को पार किया। नाले के इधर एंबुलेंस 108 में ईएमटी संतोष यादव व पायलट अजीत पटारे प्रतीक्षा कर रहे थे।

तत्काल उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया।यहां उपचार में पता चला कि व्यक्ति पीलिया से भी ग्रसित है। गंभीर रूप से बीमार होने के कारण उसे मेडिकल कालेज अस्पताल में रिफर कर दिया गया है। ग्रामीण इस बात को लेकर व्यथित हैं कि सूखे मौसम में अधिकारी व जनप्रतिनिधि तो गांव में आते हैं लेकिन यहां बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने कोई पहल नहीं की जा रही है।यहां तक पहुंचने के लिए जितने भी रास्ते हैं उनमें से किसी एक रास्ते को विकसित करने की जरूरत है ताकि यह गांव भी पहुंचविहीनता के दंश से निकल सके और शासन की योजनाओं का लाभ भी यहां के लोगों को मिल सके।जब तक सुलभ आवागमन की सुविधा विकसित नहीं हो जाती, पुल-पुलिया का निर्माण नहीं हो जाता तब तक बारिश के दिनों में ऐसी समस्या बनी रहेगी। एंबुलेंस के कर्मचारियों ने बताया कि बारिश के सीजन में यह दिक्कत होती है। रास्ता और पुल नहीं होने के कारण वे मरीजों के घर तक नहीं पहुंच पाते हैं।

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