अब खुले दिमाग से स्क्रिप्ट पढ़ती हूं, सारा अली ने फ्यूचर प्लान को लेकर खोला राज

Sara Ali Khan Interview: फिल्म इंडस्ट्री में स्टारडम तो मिलता है, लेकिन एक फ्लॉप मूवी उस स्टारडम को छीन भी लेती है। इस अनिश्चितता के बीच अपने लिए खुद ही रास्ता बनना होगा। असफलता की स्थिति में हिम्मत जुटानी होगी और बेहतर चीजों की ओर बढ़ना होगा। ऐसा मानना है कि बॉलीवुड एक्ट्रेस सारा अली खान का। इस साल सारा इंडस्ट्री में अपने एक्टिंग करियर के पांच साल पूरे कर लेंगी। हमारे सहयोगी जागरण के साथ एक विशेष इंटरव्यू में सारा अली खान ने अपनी फ्यूचर प्लानिंग के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि कैसे कहानियों को लेकर पसंद बदली और भी बहुत कुछ।

फिल्म इंडस्ट्री में इन पांच सालों में आपमें सबसे बड़ा बदलाव क्या आया है?

 

मैं हर फिल्म के साथ समझदार हुई हूं। हर किरदार को निभाने से नया अनुभव मिला है। मैं दो मूवीज मर्डर मुबारक और ऐ वतन मेरे वतन की शूटिंग एक साथ कर रही थी। दोनों ही कैरेक्टर एक-दूसरे से बिल्कुल थे। कलाकर जब सेट पर कोई नया किरदार निभाता है तो उसे पिछले किरदार को भूलकर खुद को निर्देशक के हवाले करना पड़ता है। मैंने यह प्रक्रिया सीख ली है। अब मुझे कुछ अलग और कुछ नया सीखना है। उम्मीद है कि आने वाली फिल्मों में ऐसा कर पाऊंगी।

अब किस तरह की फिल्मों की तलाश है?

 

एक एक्ट्रेस के तौर पर मेरा हर तरह की फिल्में करने का सपना रहा है, लेकिन उन फिल्मों को करने का मौका मिलना महत्वपूर्ण है। मैंने 2020 में कूली नंबर 1 और लव आज कल जैसी फिल्में की, जो पेपर पर देखकर मुझे लगा था कि चलेंगी लेकिन नहीं चलीं। उस अनुभव से मैंने सीख लिया कि कोई भी चीज कागज पर नहीं समझ सकता।

अब कहानियों को पढ़कर कैसे निर्णय लेती हैं?

मैंने खुले दिमाग से स्क्रिप्ट पढ़ती हूं। अगर मुझे लगता है कि मुझे इस कहानी में होना चाहिए। मुझे निर्देशक से कुछ सीखने का मौका मिलेगा और स्टोरी अलग है तो मैं ऐसा कर लेती हूं। लव आज कल की असफलता के बाद मैंने सीखा कि जब आप गिरते हैं तो उठना और फिर से दौड़ना जरूरी है। यहां तक कि जब दो फिल्में नहीं चलीं तो भी मैं नहीं रुकी। अतरंगी रे फिल्म से मैंने उठकर भागना शुरू किया। जब लोगों को मूवी पसंद आई, तो मैंने खुद से वादा किया कि मैं अपने काम करने की सीमाओं को आगे बढ़ाऊंगी।

कहा जाता है कि एक्ट्रेस की शेल्फ लाइफ होती है। क्या आपको यह महसूस होता है?

मुझे कभी इस बात से फर्क नहीं पड़ा कि एक्टर की शेल्फ लाइफ होती है या मैं लड़की हूं तो शायद मेरे लिए मौके कम होंगे। ये सारी बातें कितनी सच हैं ये तो नहीं पता। मेरा मानना है कि एक्टिस एक प्रैक्टिस है। आप जितना अभ्यास करेंगे, उतना सुधार होगा। मैंने लॉकडाउन के दौरान सीखने में दो साल बिताए। मेरे अंदर एक शिष्य है, जिसे मैं हमेशा अपने अंदर रहने देना चाहती हूं। उन दो सालों में हर किसी की तरह मेरा काम भी रुका हुआ था, लेकिन अब बहुत काम करना है और आगे बढ़ना है।

सीखने के इस सफर में हो सकता है कुछ गलतियां भी हों। उसे होने से कैसे रोकेंगी?

मेरी उम्र ऐसी है। जिसमें गलतियां होंगी, लेकिन फिर उन गलतियों से सीखना होगा। मैं ऐसी फिल्में करना चाहती हूं, जो मेरी पिछली फिल्म जरा हटके जरा बचके की तरह कई दिनों तक थिएटर में चले। लोग कहते हैं कि असफलता से सीखते हैं। मुझे लगता है कि आप सफलता से भी बहुत कुछ सीख सकते हैं।

आपने अलग-अलग निर्देशकों के साथ काम किया है। क्या इसे उपलब्धि मानती हैं?

जब वे निर्देशक मुझे अपनी फिल्मों रिपीट करेंगे तो यह मेरे लिए उपलब्धि होगी। मैं अपने सभी निर्देशकों के साथ दोबारा काम करना चाहती हूं। विदेशी डायरेक्टर के साथ भी काम करने की इच्छा है।

हॉलीवुड में काम करने की कोई योजना?

हां, मैं हर भाषा में फिल्में करना चाहती हूं। मैं कभी भी अपने सपनों को सीमित नहीं करना चाहूंगी ताकि में प्रयास करती रहूं।

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