संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने बच्चों पर सशस्त्र संघर्ष के प्रभाव को लेकर अपनी एक सालाना रिपोर्ट से भारत का नाम हटाया

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने बच्चों पर सशस्त्र संघर्ष के प्रभाव को लेकर अपनी एक सालाना रिपोर्ट से भारत का नाम हटा दिया है. इसके पीछे ‘बच्चों की बेहतर सुरक्षा के लिए सरकार के उठाए क़दमों’ का हवाला दिया गया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई की ख़बर के अनुसार, पिछले साल गुटेरेश ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि उन्होंने अपने विशेष प्रतिनिधि के साथ भारत सरकार की भागीदारी का स्वागत किया है और भविष्य में भारत का नाम रिपोर्ट से हटाया जा सकता है.

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने बच्चों और सशस्त्र संघर्ष पर अपनी 2023 की रिपोर्ट में कहा, बच्चों की बेहतर सुरक्षा के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों को देखते हुए, भारत का नाम इस रिपोर्ट से हटा दिया गया है.

गुटेरेश ने इस ओर भी ध्यान दिलाया कि उनके विशेष प्रतिनिधि के कार्यालय की ओर से बीते साल नवंबर में जम्मू-कश्मीर में सरकार की सहायता से एक वर्कशॉप भी आयोजित की गई थी. अपनी ताज़ा रिपोर्ट में गुटेरेश ने भारत से उनके बाकी बचे उपायों को भी लागू करने का आह्वान किया है.

गुटेरेश ने कहा कि इनमें बाल संरक्षण को लेकर सशस्त्र तथा सुरक्षा बलों का प्रशिक्षण, बच्चों पर घातक तथा अन्य बल प्रयोग पर रोक, ‘पैलेट गन’ का इस्तेमाल बंद करना और यह सुनिश्चित करना शामिल है कि कोई रास्ता न रह जाने पर ही और कम से कम अवधि के लिए बच्चों को हिरासत में लिया जाए.

गुटेरेश की विशेष प्रतिनिधि वर्जिनिया गांबा ने मीडिया को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, बीते दो सालों से हम भारत के साथ करीबी से जुड़े हुए हैं और काम कर रहे हैं. पिछले साल की रिपोर्ट में गुटेरेश ने कहा था कि वो ‘जम्मू-कश्मीर में बच्चों के ख़िलाफ़ बढ़ते उल्लंघन के मामलों से चिंतित हैं.’ उन्होंने भारत सरकार से बच्चों की सुरक्षा को मज़बूत करने का आह्वान भी किया था.

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