अन्य पिछड़ा वर्ग के बच्चों के लिए महासमुन्द में खुलेंगे 100 सीटर छात्रावास

अन्य पिछड़ा वर्ग सलाहकार परिषद की बैठक में सीएम ने दी स्वीकृति
संसदीय सचिव ने शिक्षा के प्रति गंभीर भूपेश सरकार का जताया आभार

महासमुन्द। अन्य पिछड़ा वर्ग के बच्चों के लिए महासमुन्द में 100-100 सीटर बालक-बालिका छात्रावास खोले जाएंगे। अन्य पिछड़ा वर्ग सलाहकार परिषद की बैठक में सीएम भूपेश बघेल ने इसके लिए स्वीकृति प्रदान की है। जिस पर संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने मुख्यमंत्री श्री बघेल का आभार जताया है।मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री श्री बघेल की अध्यक्षता में अन्य पिछड़ा वर्ग सलाहकार परिषद की बैठक हुई। जिसमें महासमुन्द से परिषद के सदस्य संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर व मनोनीत सदस्य दाऊलाल चंद्राकर शामिल हुए। बैठक में अन्य पिछड़ा वर्ग के बच्चों के लिए महासमुन्द में 100-100 सीटर बालक-बालिका छात्रावास सहित 15 नवीन पोस्ट मैट्रिक छात्रावास खोलने की स्वीकृति प्रदान की गई। गौरतलब है कि महासमुन्द में लंबे समय से अन्य पिछड़ा वर्ग के बच्चों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रावास की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। जिसे गंभीरता से लेते हुए संसदीय सचिव व विधायक श्री चंद्राकर ने मुख्यमंत्री श्री बघेल का ध्यानाकर्षित कराया था। बाद इसके अन्य पिछड़ा वर्ग सलाहकार परिषद की बैठक में इसके लिए महासमुन्द में सौ-सौ सीटर पोस्ट मैट्रिक छात्रावास के लिए स्वीकृति मिल सकी। अब जिले के अन्य पिछड़ा वर्ग के बच्चों को इन संस्थाओं में आवास, भोजन, रहन-सहन सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। इसके लिए संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने मुख्यमंत्री श्री बघेल का आभार जताते हुए कहा कि भूपेश सरकार बच्चों के शिक्षा के प्रति गंभीर है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में स्वामी आत्मानंद स्कूलों के खुलने से शिक्षा के प्रति फिर से रूझान बढ़ा है और वर्तमान में प्रत्येक वर्ग के लोग अपने बच्चों को इन स्कूलों में पढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं। इसी तरह क्षेत्र में मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना से क्षेत्र के स्कूलों की तस्वीर बदलने की कवायद की जा रही है। इस योजना के तहत महासमुंद विधानसभा क्षेत्र के स्कूलों को संवारने के लिए चार करोड़ 62 लाख रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। स्वीकृत राशि से स्कूलों में अतिरिक्त कक्षों के निर्माण के साथ ही स्कूलों का जीर्णाेद्धार कराया जाएगा।

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