एचडीएफसी बैंक मर्जर तारीख करीब आने के साथ एचडीएफसी म्यूचुअल फंड्स की दुविधा बढ़ती जा रही
Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी मर्जर तारीख करीब आने के साथ म्यूचुअल फंड्स की दुविधा बढ़ती जा रही है. दरअसल दोनों ही संस्थानों में फंड्स की अच्छी खासी हिस्सेदारी है ऐसे में मर्ज होने की स्थिति में फंड्स की नए वित्तीय संस्थान में हिस्सेदारी तय सीमा से ज्यादा हो सकती है. अब सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि बाजार नियामक सीमा से अधिक होल्डिंग होने पर म्यूचुअल फंड्स को छूट नहीं देना का मन बना रहे हैं. ऐसे में संभव है कि फंड को तय समयावधि में अपनी हिस्सेदारी को घटाकर तय सीमा के अंदर लाना होगा. ऐसे में स्टॉक की बिकवाली से कीमतों पर भी असर देखने को मिलेगा l
मर्जर अगले कुछ हफ्तों में पूरा होगा जिससे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन तैयार होगा. हालांकि इसी के साथ ही ऐसे फंड्स जिनकी हिस्सेदारी तय सीमा से अधिक है उन पर हिस्सेदारी घटाने का दबाव भी बनेगा और मर्ज हुए इंस्टीट्यूशन के स्टॉक पर इसका असर दिखेगा. सेबी के नियमों के अनुसार, एक म्युचुअल फंड योजना एक सिक्योरिटी में 10% से अधिक निवेश नहीं कर सकती है. हालांकि, एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड और खास सेक्टर में निवेश करने वाले फंड को इसमें छूट दी गई है. बुधवार तक के आंकड़ों के अनुसार कम से कम 60 इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीमों का HDFC बैंक और HDFC में कुल एक्सपोजर 10% की तय सीमा को पार कर गया है.
एक सूत्र ने कहा कि सेबी इस सीमा के उल्लंघन को “पैसिव ब्रीच” के रूप में मान सकता है, क्योंकि इसमें नियमों को जानबूझकर तोड़ने की कोशिश नहीं की गई है. मर्जर की वजह से ये स्थिति बनी है. सूत्र ने कहा कि ऐसे मामलों में, फंड के पास अपने पोर्टफोलियो को फिर से संतुलित करने के लिए 30 दिन होते हैं, जिसे 60 दिनों के लिए और बढ़ाया जा सकता है, ऐसा न करने पर म्यूचुअल फंड को नियामक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है. वहीं दूसरे सूत्र ने कहा कि अगर इसका बाजार पर व्यापक प्रभाव पड़ता है तो रेग्युलेटरी कदम उठाने की जरूरत पड़ती, हालाकि यहां ऐसी स्थिति नहीं है. म्यूचुअल फंड के दो एग्जिक्यूटिव्स के मुताबिक मामला एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के पास भेजा गया है. अधिकारियो ने बताया कि पिछले हफ्ते, एएमएफआई के अधिकारियों और उद्योग के अधिकारियों ने मर्जर के प्रभाव का विश्लेषण किया और ये जानने की कोशिश की कि नियम के अनुसार सीमाओं का पालन करने के लिए उद्योग को कितना स्टॉक बेचने की आवश्यकता होगी
म्यूचुअल फंड्स की सीमा को लेकर जारी चर्चाओं के बीच आज एचडीएफसी में ब्लॉक ट्रेड देखने को मिली है. जहां 2650 की कीमत पर 14.23 लाख शेयरों का ट्रेड हुआ है, पूरी डील 377.19 करोड़ रुपये की थी. स्टॉक आज हल्की बढ़त के साथ 2650 के स्तर के करीब ही कारोबार कर रहा है. वहीं दूसरी तरफ एचडीएफसी बैंक के स्टॉक में हल्की गिरावट देखने को मिली है.