जी-20 कॉन्क्लेव श्रम संबंधी मुद्दों के लिए मील का पत्थर साबित होगा: राज्यपाल श्री हरिचंदन

बिलासपुर में जी-20/एल-20 कॉन्क्लेव सम्पन्न
 
रायपुर, 11 जून 2023

बिलासपुर में जी-20/एल-20 कॉन्क्लेव सम्पन्न

राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन आज बिलासपुर मंे आयोजित जी-20 लेबर 20 कॉन्क्लेव में मुख्य अतिथि के रूप में वर्चुअल तरीके से शामिल हुए। यह कार्यक्रम भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के सहयोग से नेशनल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (एनएफआईटीयू) द्वारा आयोजित किया गया। इस अवसर पर राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री महंत रामसुंदर दास, छत्तीसगढ़ राज्य भवन एवं अन्य सन्ननिर्माण मंडल के अध्यक्ष श्री सन्नी अग्रवाल उपस्थित थे।

राज्यपाल श्री हरिचंदन ने कहा कि यह पूरे भारतवासियों के लिए अत्यंत गर्व की बात है कि प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत ने इस वर्ष जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण की है। जिसका थीम ‘‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य‘‘ रखा गया है। यह ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम‘‘ की अवधारणा पर आधारित है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए यह बहुत खुशी की बात है कि वैश्विक चिंता के श्रमिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए यहां प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों, उद्योगों, सरकारी संगठनों, ट्रेड यूनियन संगठनों, एनजीओ और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की प्रतिष्ठित हस्तियां शामिल हुई है। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में विचार विमर्श के बाद आये सुझाव, अंतिम जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए सार्थक सिद्ध होंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह जी-20 कॉन्क्लेव वैश्विक चिंता के श्रम संबंधी मुद्दों के लिए मील का पत्थर साबित होगा और इससे हमारे श्रम बल को लाभ होगा।

राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य को ‘‘चावल का कटोरा‘‘ के रूप में जाना जाता है, भारत के खनिज समृद्ध राज्यों में से एक है, जिसमें प्रचुर मात्रा में वन संसाधन, पर्याप्त श्रम शक्ति और अच्छी जलवायु है। आज बेरोजगारी, सामाजिक सुरक्षा और सामाजिक न्याय की समस्या हम सबके लिए चिंता का विषय है। बेरोजगारी हमारे समाज के विभिन्न सामाजिक मुद्दों का मूल कारण है।

उन्होंने इस आयोजन की सफलता के लिए एनएफआईटीयू के पदाधिकारियों को बधाई दी। इस अवसर पर लेबर 20 कॉन्क्लेव के संयोजक डॉ. दीपक जायसवाल, गुरू घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर के कुलपति डॉ. आलोक चक्रवाल सहित अन्य श्रमिक संगठनों के पदाधिकारी एवं विशेषज्ञ उपस्थित थे।

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