मेडिकल कॉलेज महासमुंद में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की कक्षाओं के लिए मिली अनुमति
स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार को लेकर भूपेश सरकार प्रयासरत-संसदीय सचिव
महासमुन्द। महासमुन्द मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की कक्षाओं के संचालन के लिए नेशनल मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया ने अनुमति दे दी है। द्वितीय वर्ष में 100 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा। संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने कहा कि मेडिकल कॉलेज महासमुन्द में लगातार सुविधाओं का विस्तार हो रहा है और एनएमसी के नार्म्स को पूरा किया जा रहा है। जिसके मद्देनजर दूसरे सत्र के संचालन की अनुमति दी है।
गौरतलब है कि जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं को लेकर संसदीय सचिव व विधायक श्री चंद्राकर शुरू से शासन-प्रशासन का ध्यानाकर्षित कराते रहे हैं। इसी का परिणाम रहा कि विधानसभा क्षेत्र महासमुंद में मेडिकल कालेज की सौगात मिल सकी। इधर नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा मेडिकल कॉलेज को भेजे गए पत्र में मेडिकल मूल्याकंन और रेटिंग बोर्ड के नवीनीकरण के लिए अनुमोदन दिया गया है। जिसके तहत शैक्षणिक वर्ष 2023-2024 में द्वितीय सत्र में प्रवेश के अनुमति दी गई है। इस संबंध में संसदीय सचिव व विधायक श्री चंद्राकर ने महासमुंद मेडिकल कॉलेज के एनएमसी के नोडल अधिकारी प्रो अलखराम वर्मा से जानकारी ली। जिस पर बताया गया कि एनएमसी से 9 जून को हो इस आशय का पत्र मिला है। बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर व बेहतर सुविधाओं के मद्देनजर सौ विद्यार्थियों के प्रवेश की अनुमति है। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि बीते साल एनएमसी के नार्म्स को पूरा कराने संसदीय सचिव चंद्राकर लगातार मानीटरिंग करने के साथ ही मेडिकल कालेज प्रबंधन के संर्पक में रहे। कालेज में सेटअप के साथ ही मेडिकल कालेज के विद्यार्थियों के प्रशिक्षण के लिए राज्य शासन की ओर हास्पिटल का निर्धारण भी उनके अथक प्रयास के बाद किया गया। नार्म्स को लेकर कालेज प्रबंधन से लगातार संपर्क कर आवश्यक तैयारियां कराई गई। जिससे मेडिकल कालेज महासमुंद को एनएमसी के नार्म्स के मुताबिक आवश्यक संसाधन मुहैया कराने की पहल की गई। चाहे मेडिकल कॉलेज में ई लाइब्रेरी की व्यवस्था कराने हो या फिर विद्यार्थियों के लिए हॉस्टल की व्यवस्था। वहीं स्थाई कॉलेज भवन के लिए सीजीएमएससी के माध्यम से टेंडर की प्रक्रिया प्रगति पर है। संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने कहा कि कहा कि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। द्वितीय वर्ष की कक्षाएं संचालन की अनुमति मिलने से मेडिकल की शिक्षा के साथ ही मरीजों को अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा।