जनजातीय वाचन में रायपुर शहर तीन दिन रहेगा सराबोर : 25 मई से तीन दिवसीय “जनजातीय वाचिकोत्सव 2023”
25 मई से तीन दिवसीय “जनजातीय वाचिकोत्सव 2023” का TRTI नवा रायपुर में होगा आयोजन
प्रतिदिन विषयानुसार किया जाएगा वाचन जनजातीय वाचिक परंपरा के संरक्षण एवं अभिलेखीकरण में मिलेगी मदद
आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय एवं राज्य शासन के सहयोग से आदिवासी जीवन से संबंधित वाचिक परंपरा के संरक्षण, संवर्द्धन एवं उनके अभिलेखीकरण के उददेश्य से होने जा रहे तीन दिवसीय “जनजातीय वाचिकोत्सव 2023” का कल 26 मई से TRTI भवन, नया रायपुर में माननीय विभागीय मंत्री जी डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम (मुख्य अतिथि) एवं माननीय श्री द्वारिकाधीश यादव, संसदीय सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग (कार्यक्रम के अध्यक्ष) की गरिमामयी उपस्थिति में शुभारंभ होगा।
तीन दिवसीय यह आयोजन 25 मई से 27 मई तक चलेगा, जिसमें राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के जनजातीय वाचकों द्वारा जनजातीय वाचिक परंपरा की विभिन्न विधाओं के अंतर्गत अपनी प्रस्तुति दी जाएगी। प्रतिदिन विषयानुसार किया जाएगा वाचन जनजातीय वाचिकोत्सव का यह तीन दिवसीय कार्यक्रम निर्धारित विषयानुसार सपन्न किया जाना है। कार्यक्रम के प्रथम दिवस 25 मई को जनजातीय देवी-देवता एवं मड़ई मेला के संबंध में वाधिक ज्ञान, जनजातियों में प्रचलित लोक कहानियाँ कहावतें एवं लोकोक्तियां, जनजातीय लोकगीत, उनका अभिप्राय एवं भावार्थ विषय पर जनजातीय वाचन किया जाएगा।
इसी प्रकार द्वितीय दिवस 26 मई को जनजातीय तीज-त्यौहार से संबंधित वाचिक ज्ञान, जनजातीय जीवन संस्कार (जन्म, विवाह, मृत्यु इत्यादि) संबंधी वाचिक परम्परा एवं जनजातीय समुदाय की उत्पत्ति संबंधी धारणा एवं वाचिक परंपरा विषय पर जनजातीय वाचन किया जाएगा।
याचिकोत्सव के अंतिम दिन 27 मई को जनजातीय समुदाय में गोत्र व्यवस्था एवं गोत्र चिन्हों की अवधारणा संबंधी वाचिक ज्ञान, जनजातियों में प्रचलित विशिष्ट परम्परा (गोदना, लाल बंगला, घोटूल, धनकूल, जगार जात्रा, घुमकुरिया आदि) रीति रिवाज तथा परम्परागत ज्ञान एवं विश्वास” विषय पर जनजातीय वाचन किया जाएगा।
कार्यक्रम में शामिल होने जनजातीय प्रबुद्धजन विभिन्न जिलों से रायपुर पहुंचने शुरू हो गए हैं। देर शाम तक सभी के पहुंचने की संभावना है। इस संबंध में हर प्रकार की उचित व्यवस्था बनाए रखने हेतु आयुक्त सह संचालक, TRTI श्रीमती शम्मी आबिदी के निर्देश अनुसार अधिकारियों की अलग-अलग टीमें बनाकर व्यवस्था की गई है। उक्त तीन दिवसीय आयोजन के उपरांत संस्थान द्वारा जनजातीय वाधिक परपरा के संरक्षण एवं अभिलेखीकरण के दृष्टिगत पुस्तक का प्रकाशन भी किया जाएगा, जिसमें कार्यक्रम में प्रस्तुत किए गए विषयों के साथ-साथ राज्य के अन्य जनजातीय समुदाय के व्यक्तियों से भी जनजातीय वाचिक परंपरा के क्षेत्र मे प्रकाशन हेतु आलेख आमंत्रित किए गए है। उल्लेखनीय है कि पूरा आयोजन टी. आर.टी.आई. संस्थान के नवनिर्मित भवन में ही आयोजित होगा।