धरने पर बैठे कांग्रेस नेता सचिन पायलट.
नई दिल्ली: राजस्थान में अपनी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन के बाद, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट आज कथित तौर पर पार्टी नेतृत्व से मिलने के लिए दिल्ली जा रहे हैं. हालांकि पायलट की पार्टी के वरिष्ठ नेता से मुलाकात की संभावना अब तक निर्धारित नहीं है. पार्टी सूत्रों ने भी पायलट के कांग्रेस नेतृत्व से मिलने की संभावना से इनकार नहीं किया है.
सचिन पायलट के भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के लिए अशोक गहलोत सरकार पर दबाव बनाने के लिए मंगलवार को किए गए उपवास के बाद कांग्रेस ने कड़ी चेतावनी दी है. पार्टी की ओर से कहा गया कि उनकी ओर से इस तरह का अब कोई भी कदम पार्टी विरोधी गतिविधि मानी जाएगी. वहीं इस मामले में लगातार चुप्पी साधे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है.
कांग्रेस का नाम और चुनाव चिन्ह इस्तेमाल किए बगैर पायलट ने मंगलवार को जयपुर में अपना एकदिवसीय उपवास किया. इसमें बीजेपी की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ आरोपों पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया गया.
पायलट ने कहा, “हमने लोगों को आश्वासन दिया था कि पूर्व भाजपा सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जाएगी. मैं चाहता था कि कांग्रेस सरकार कार्रवाई करे, लेकिन यह चार वर्षों में नहीं हुआ है.” उन्होंने कहा, “भ्रष्टाचार के खिलाफ यह संघर्ष जारी रहेगा.”
वहीं पायलट के विरोध प्रदर्शन शुरू करने के कुछ देर बाद, गहलोत ने एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने अपनी सरकार की कल्याणकारी नीतियां गिनाई और खुद को “गरीब समर्थक, आम आदमी के मुख्यमंत्री” के रूप में पेश किया. गहलोत ने मूल्य वृद्धि को चुनावी मुद्दा घोषित करते हुए कहा, “राजस्थान 2029 तक नंबर 1 होगा.”
इधर राजस्थान में दोनों नेताओं के बीच सार्वजनिक तकरार ने कांग्रेस को पशोपेश में डाल दिया है. कांग्रेस अपने शासन वाले कुछ राज्यों में से एक में चुनाव की तैयारी कर रही है.
कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने एक बयान में कहा, “सचिन पायलट का उपवास पार्टी के हितों के खिलाफ है और पार्टी विरोधी गतिविधि है. अगर उनकी अपनी सरकार के साथ कोई समस्या है, तो मीडिया और जनता के बजाय पार्टी मंचों पर चर्चा की जा सकती है.”
रंधावा ने कहा, “मैं पिछले पांच महीनों से एआईसीसी प्रभारी हूं और पायलट ने कभी भी मेरे साथ इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की है. मैं उनके संपर्क में हूं और मैं अब भी बातचीत की अपील करता हूं, क्योंकि वह कांग्रेस पार्टी के एक महत्वपूर्ण नेता हैं.”
वहीं अशोक गहलोत के साथ सचिन पायलट के हालिया टकराव को राजस्थान में पार्टी का प्रमुख चेहरा कौन होगा, इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कांग्रेस नेतृत्व पर दबाव बनाने के उनके प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.