BIG BREKING: आरएसएस का भाजपा काे फरमान, भूपेश नहीं 46 पार पर करें फोकस

रायपुर. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के चेहरे पर ही चुनाव लड़ने वाली है। ऐसे होने के बाद भी में भाजपा का फोकस भूपेश बघेल पर नहीं हाेगा। इसके पीछे का कारण यह है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस ने भाजपा को फरमान सुनाया है कि भूपेश के स्थान पर 46 सीटों के पार पर फोकस करें ताकि भाजपा की सरकार बन सके।

राजधानी रायपुर में आरएसएस की बैठक में पहली बार मिशन 2023 विधानसभा चुनाव को लेकर मंथन किया गया। इसमें जीत का रास्ता तलाश करके सरकार कैसे बनें इसको लेकर सभी से सुझाव लिए गए और अंत में यह फैसला किया गया है कि ज्यादा से ज्यादा नए चेहरों पर दांव लगाया जाएगा। इसी के साथ टार्गेट में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नहीं होंगे बल्कि बहुमत पर फोकस करते हुए एक-एक विधानसभा के लिए अलग-अलग रणनीति पर काम करके 46 सीटें जीतना अहम रहेगा। धर्मांतरण सबसे बड़ा मुद्दा होगा। इसी के साथ प्रधानमंत्री आवास, भ्रष्टाचार सहित बाकी मुद्दे भी रहेंगे। किसानों पर फोकस करते हुए उनको यह बताया जाएगा, प्रदेश सरकार जो धान खरीदी करती है, उसके लिए केंद्र से 80 प्रतिशत पैसा आता है। राज्य सरकार महज 15 प्रतिशत ही खर्च करती है।

आरएसएस की बैठक में पहली बार चुनावी चर्चा
आमतौर पर आरएसएस की बैठक में चुनावी को लेकर चर्चा नहीं होती है, लेकिन पहली बार राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा करने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के नेता राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, सहप्रभारी नितिन नवीन, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल, प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय सहित सभी महामंत्रियों को तलब किया गया। आरएसएस के केंद्रीय सह सरकार्यवाह अरुण कुमार के साथ आरएसएस के प्रदेश पदाधिकारियों ने मिशन 2023 पर मंथन किया।
सत्ता में वापसी की यह है रणनीति
बैठक में भाजपा को सत्ता में कैसे वापस लाया जाए इसको लेकर मंथन किया गया। इसमें सबसे अहम फैसला यह किया गया कि भाजपा को निशाने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को रखने के स्थान पर जीत पर फोकस करना है। इसके लिए तय किया गया कि किस तरह से बहुमत का 46 का आंकड़ा प्राप्त करना है, इस पर फोकस करना है। इसके लिए यह रणनीति तय की गई है कि एक-एक विधानसभा पर फोकस करना है। हर विधानसभा के लिए वहां की स्थिति के हिसाब से रणनीति बनानी है।
नए चेहरों पर लड़ेंगे चुनाव
बैठक में यह बात सामने आई कि पुराने चेहरों के स्थान पर ऐसे नए चेहरों पर दांव लगाया जाए जिनकी समाज में अच्छी छवि है जो लगातार समाज के लिए काम कर रहे हैं। नए चेहरों को सामने लाने से कार्यकर्ता भी काम करेंगे और कार्यकर्ताओं में यह संदेश जाएगा कि उनको भी मौका मिलेगा। नए चेहरों में हिंदुओं को ज्यादा से ज्यादा टिकट देने का भी सुझाव सामने आया। चुनाव में मुद्दों की चर्चा में तय हुआ है कि धर्मांतरण सबसे बड़ा मुद्दा होगा। इसी के साथ पीएम आवास को भी बड़ा मुद्दा बनाया जाएगा। भ्रष्टाचार भी एक मुद्दा रहेगा। इसके अलावा नक्सलवाद और अन्य मुद्दे भी रहेंगे।
किसानों की लगेगी चौपाल
प्रदेश सरकार किसानों की धान खरीदी आने वाले समय में 28 सौ रुपए में करने वाली है। इसको लेकर यह रणनीति बनाई गई है कि किसानों की चौपाल लगाकर किसानों को बताया जाएगा कि राज्य सरकार को धान खरीदी कर रही है, उसके लिए केंद्र सरकार ही से ज्यादा पैसा मिलता है। शुरुआत के तीन सालों में केंद्र सरकार से 52 हजार करोड़ आए जबकि राज्य सरकार ने 11 हजार करोड़ खर्च किए। राज्य सरकार ने ही यह जवाब विधानसभा में दिया है। किसानों को केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में भी बताया जाएगा।
छोटे स्तर के भ्रष्टाचार को उजागर करें
प्रदेश में बड़े स्तर के भ्रष्टाचार को उजागर करने के साथ ही भाजपा को छोटे स्तर गांव-गांव में छोटे कामों में होने वाले भ्रष्टाचार को भी उजागर करने पर फोकस करने के लिए कहा गया है।

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