विशेष- शंकर-मानिक की खुशहाल कहानी: दुग्ध व्यवसाय और ब्रायलर फार्मिंग से लाखों की आमदनी

फीचर स्टोरी। कहते हैं लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती. ये लाइनें छत्तीसगढ़ के शंकर और मानिक पर फिट बैठती हैं. इन दोनों ने सरकार की योजनाओं का भरपूर लाभ उठाया है. मेहनत कर अपने सपनों को नई उड़ान दी है. शंकर और मानिक की जिंदगी खुशहाल हो गई है. दुग्ध व्यवसाय और ब्रायलर फार्मिंग से लाखों की आमदनी कमा रहे हैं. शंकर ने व्यवसाय से सपनों का महल बना लिया है. इन्होंने सफलता के लिए सरकार और CM भूपेश बघेल को थैंक्यू बोला है.

दुग्ध व्यवसाय से बदली किस्मत

दरअसल, ये सफलता की कहानी जशपुर के रहने वाले शंकर औऱ मानिक की है, जिन्होंने अपनी मेहनत से नया आयाम गढ़ा है. नई पहचान बनाई है. कांसाबेल विकासखण्ड के बटईकेला निवासी शंकर यादव दुग्ध व्यवसाय और ब्रायलर फार्मिंग से लाभ अर्जित कर आर्थिक उन्नति की ओर बढ़ रहा है.

पहली कमाई से खरीदी बाइक

पशुधन विभाग द्वारा जिले में स्व-सहायता समूहों और अन्य हितग्राहियों को छत्तीसगढ़ शासन की विभिन्न योजनाओं से जोड़कर आर्थिक रूप से सक्षम बनाया जा रहा है. हितग्राही शंकर यादव ने दुग्ध व्यवसाय से सर्वप्रथम एक मोटर साइकिल खरीदी. साथ ही दुग्ध उत्पादन करके अतिरिक्त आय से ब्रायलर फार्म चला रहे हैं. फार्म में हर महीने 2000 चूजे का खपत है.

50 हजार रुपये महीने की कमाई

पशु विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार शंकर यादव दुग्ध व्यवसाय से हर महीने लगभग 25 हजार रूपये कमाता है. ब्रायलर फार्मिग से भी हर महीने 20-25 हजार रूपये लाभ अर्जित कर रहा हैं. सरकार की योजनाओं का लाभ लेकर आर्थिक रूप से शंकर मजबूत हुआ है.

15 लाख रूपये में बनवाया आशियाना

दुग्ध व्यवसाय एवं ब्रायलर फार्मिग से इनका आर्थिक स्थिति मजबूत हुआ है, जिससे इन्होंने अपना स्वयं का बिल्डिंग लगभग 15 लाख रूपये में बनवाया है. यादव दुग्ध व्यवसाय एवं ब्रायलर फार्मिग आय से अपने परिवार का भरण-पोषण एवं बच्चों की अच्छे से पढ़ाई-लिखाई करवा करके अपने परिवार के खुशहाल जीवन यापन कर रहे हैं.

पशुधन विभाग के द्वारा समय-समय पर भ्रमण कर कृत्रिम गर्भाधान, उपचार एवं मार्गदर्शन दिया जाता है, जिससे शंकर यादव को पशुओं के उपचार एवं पालन पोषण करने में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता है. इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के अलावा विभाग के अधिकारियों को धन्यवाद दिया है.

डेयरी उद्यमिता विकास योजना बनी वरदान

पशुधन विभाग द्वारा जिले में स्व-सहायता समूहों एवं अन्य हितग्राहियों को छत्तीसगढ़ शासन की विभिन्न योजनाओं से जोड़कर आर्थिक रूप से सक्षम बनाया जा रहा है. इसी कड़ी में कुनकुरी विकासखण्ड के बेमताटोली निवासी मानिक लाल लकड़ा को राज्य पोषित डेयरी उद्यमिता विकास योजना अंतर्गत 6 नग गाय, बोरवेल और वर्मी टांका हेतु अनुदान राशि 3 लाख 80 हजार पशुधन विकास विभाग जशपुर की ओर से प्रदाय किया गया.

4 लाख रुपये सालाना कमा रहे मानिक

राज्य पोषित डेयरी विकास योजना ने मानिक की तकदीर बदली है. पशुधन विभाग से प्राप्त 6 गाय से प्रतिदिन 50 से 60 लीटर दूध उत्पादन किया जा रहा है, जिसके विक्रय से प्रतिवर्ष 3 लाख का आमदनी हो रही है. गोबर खाद विक्रय से भी लगभग 1 लाख अतिरिक्त लाभ ले रहें हैं.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद दिया

दुग्ध उत्पादन के आय से मानिक अपने परिवार का भरण-पोषण और बच्चों की अच्छे से पढ़ाई-लिखाई करा रहे हैं. अपने परिवार के खुशहाल जीवन यापन कर रहे हैं. पशुधन विभाग के द्वारा समय-समय पर भ्रमण कर कृत्रिम गर्भाधान, उपचार एवं मार्गदर्शन दिया जाता है, जिससे मानिक को पशुओं के उपचार और पालन पोषण करने में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता. इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद दिया है.

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