रायपुर : बालवाड़ी में जाने के लिए बच्चों को करें तैयार : राजेश सिंह राणा
रायपुर, 24 फरवरी 2022: स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश में 5 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए बालवाड़ी खोले जाने की तैयारी प्रारंभ कर दी गई है। स्कूल शिक्षा विभाग के विशेष सचिव व राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के संचालक श्री राजेश सिंह राणा ने आज बालवाड़ी के संबंध में 5 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण में उपस्थित मास्टर ट्रेनर्स से कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा अनुरूप स्कूल से पहले बच्चों को शैक्षणिक व मानसिक रूप से तैयार कर उन्हें स्कूल आने के लिए प्रेरित करेंगे।
उन्होंने कहा कि चयनित शिक्षक इस प्रकार कार्य करें जो बच्चों से जुड़ कर उनके मानसिक स्तर को पहचान सके। शिक्षा गुणवत्ता के लिए आवश्यक के है कि शिक्षा का आधार मजबूत हो। एससीईआरटी में आयोजित प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए 100 से अधिक मास्टर ट्रेनर्स उपस्थित थे।
श्री राजेश सिंह राणा ने कहा कि बालवाड़ियों के लिए खेल एवं गतिविधि आधारित पाठ्यक्रम एससीईआरटी द्वारा डिजाइन किया गया है, जिसे बच्चों को खेल-खेल में सिखाया जा सके। इस कार्य में नई दिल्ली के शिक्षा मॉडल में कार्य कर रहे अनुभवी शिक्षाविदों की सहायता ली जा रही है। श्री राणा ने कहा कि यह कार्य पूरी संवेदनशीलता के साथ करना है। बच्चों को गतिविधियों में इंवॉल्व करते हुए उन्हें आगे बढ़ने और स्कूल में पढ़ने हेतु प्रेरित करना है। उन्होंने आगे कहा कि स्कूल में जाने से पहले यदि हम 1 साल तक ग्रूम करते हैं जिससे शिक्षा का आधार मजबूत होता है।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का नाम मुख्यमंत्री की मंशा अनुसार बालवाड़ी भी रखा गया है। सभी प्रशिक्षकों से अपेक्षा की इस कार्य को मार्च के अंत तक स्कूलों में पहुंचा दें ताकि अप्रैल माह से प्रदेश के 6500 प्राथमिक स्कूलों में सफलतापूर्वक प्रारंभ की जा सके।
उल्लेखनीय है कि 26 जनवरी 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य में छोटे बच्चों के लिए प्रदेश के 6500 प्रीस्कूल मॉडल बालवाड़ी प्रारंभ करने की घोषणा की थी। प्रशिक्षण में एससीईआरटी के अतिरिक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे, प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ जया भारती चंद्राकर, सहायक संचालक श्री प्रशांत पांडे, रिसोर्स पर्सन सुनील मिश्रा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में आवाहन ट्रस्ट न्यू दिल्ली की सायंतनी गडम, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन तथा सीएलआर के विषय विशेषज्ञ भी उपस्थित थे।