छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बड़ा बदलाव तय, दीपक बैज को मिल सकती है बड़ी ज़िम्मेदारी…

रायपुर. छत्तीसगढ़ कांग्रेस संगठन में बड़े बदलाव की अटकलें तेज हो गई हैं. चर्चा राज्य में नेतृत्व बदले जाने की है. इस चर्चा को आज उस वक़्त बल मिला जब संगठन और सरकार के बड़े नेता दिल्ली में सक्रिय हुए. सोमवार की रात सूरत से दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की राष्ट्रीय महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा से हुई मुलाकात को भी संगठन में बदलाव से जोड़कर देखा गया.

कहा जा रहा है कि मोहन मरकाम की जगह राज्य संगठन का नेतृत्व नये चेहरे को सौंप दिया जाएगा. बदलाव की अटकलों के बीच दो चेहरे कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत और सांसद दीपक बैज के रूप में देखे गए और कहा गया कि इनमें से किसी एक चेहरे को राज्य का नेतृत्व करने की ज़िम्मेदारी सौंप दी जाएगी. इन अटकलों के बीच दिल्ली में ही दीपक बैज की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से हुई मुलाक़ात ने लगभग ये संकेत दे दिये हैं कि बदलाव की स्थिति में दीपक बैज बड़ी ज़िम्मेदारी संभालेंगे, हालांकि, अंतिम निर्णय पार्टी आलाकमान करेगा. बताया जा रहा है कि दीपक बैज बुधवार को आलाकमान से मिलने जा रहे हैं.

इससे पहले तक राज्य संगठन के भीतर यह समीकरण सुना गया था कि, सरगुजा से आने वाले कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत को पार्टी की कमान सौंपकर मोहन मरकाम को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा, लेकिन कहते हैं कि यह समीकरण उस वक़्त फेल हो गया जब भगत की ओर से अध्यक्ष नहीं बनने की बात रखी गई. दीपक बैज को लेकर सहमति बनने की खबर के पीछे यह दलील दी जा रही है कि मरकाम कि तरह वह भी बस्तर से आते हैं. पार्टी के सांसद हैं. युवा चेहरे हैं. हाल ही में रायपुर में हुए अधिवेशन में भी युवा चेहरों को महत्वपूर्ण पदों पर लाने का प्रस्ताव पारित हुआ था. दीपक को यदि पार्टी की कमान सौंपी जाती है तो यह नई परंपरा कि शुरुआत करने जैसा होगा. दूसरा फ़ैक्टर बस्तर का धर्मांतरण का मुद्दा भी है, जिसे बीजेपी-आरएसएस हवा दे रही है. आने वाले चुनाव में यह बड़ा सियासी मुद्दा बनेगा. दीपक बस्तर से होने के नाते इस सियासी मुद्दा का काट बेहतर ढंग से तलाश सकते हैं.

एक-दो दिन में स्थिति होगी स्पष्ट

संकेत हैं कि एक-दो दिनों के भीतर स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि राज्य संगठन का नेतृत्व कौन करेगा? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिल्ली के नेताओं के सामने अपनी बात रख दी है. चर्चा यही है कि मुख्यमंत्री ख़ुद संगठन में बदलाव के पक्षधर है. सत्ता और संगठन के बीच पिछले कुछ वक़्त से खींची दरारों को चुनाव के पहले भरने का यही एक विकल्प माना जा रहा है.

आलाकमान जो ज़िम्मेदारी देंगा वह काम करूंगा- मरकाम

नेतृत्व परिवर्तन की खबरों के बीच मोहन मरकाम ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, चार सालों तक पार्टी ने उन्हें अध्यक्ष में रूप में बड़ी ज़िम्मेदारी दी है. आलाकमान आगे भी जो ज़िम्मेदारी देगा, निष्ठापूर्वक काम करूंगा. फ़िलहाल बदलाव को लेकर कोई जानकारी नहीं है. प्रदेश प्रभारी नहीं चाहती कि फ़िलहाल कोई बदलाव हो. कुछ मंत्री भी बदलाव नहीं चाहते.

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