अब भाजपा ने जारी किए एमएसपी काे लेकर आंकड़े

February 9, 2023

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समर्थन मूल्य को लेकर किये गए दावे पर 2009 से लेकर 2014 तक हुई खरीदी के भुगतान और भाजपा शासन काल में 2014 से अब तक हुए  भुगतान के आंकड़े पेश करने के बाद अब भाजपा ने भा आंकड़े जारी किए हैं।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि कांग्रेस डर गई है। सच को छुपा रही है। इसलिए अब हम वह आंकड़े जारी कर रहे हैं। यूपीए शासन में 2009 से 2014 तक एमएसपी की कुल खरीद पर केवल 4.50 लाख करोड़ रुपये का भुगतान हुआ जबकि मोदी सरकार में 2014 से 2022 तक 14.25 लाख करोड़ का भुगतान हुआ। धान खरीदी पर यूपीए शासन में  09 से 14 तक केवल लगभग 3 लाख करोड़ का भुगतान हुआ जबकि मोदी सरकार में लगभग 9 लाख करोड़ का भुगतान हुआ। एमएसपी पर खरीद का लाभ लेने वाले किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 2018 में 1.71 करोड़, 2019 में 2.04 करोड़, 2020 में 2.10 करोड़।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कुछ तथ्य इस प्रकार हैं- उन्होंने कहा कि एमएसपी का सच तो यह है कि मोदी सरकार एमएसपी पर खरीदी के नए-नए रिकॉर्ड बना रही है और अधिक से अधिक किसानों को एमएसपी से लाभान्वित करने का भी रिकॉर्ड बना है। एमएसपी के रूप में किसानों को इतना पैसा दिया है कि पहले कभी किसी भी सरकार ने सोचा भी नहीं होगा।  हर साल एमएसपी का दायरा बढ़ रहा है। इसका लाभ लेने वाले किसानों की संख्या बढ़ रही है। धान, गेहूं, तिलहन और दलहन की खरीद में हर साल भारी वृद्धि हो रही है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री साव ने कहा कि मोदी सरकार ने अपने एजेंडे में कृषि और किसान को सबसे ऊपर रखा है। इसलिए पहली बार किसानों को खेती के लिए सीधे उनके बैंक अकाउंट में मदद दी जा रही है। देश में लगभग 10 करोड़ छोटे किसानों की समस्याओं और उनकी चुनौतियों को दूर करने के लिए मोदी सरकार ने बीज, बीमा, बाजार और बचत पर चहुंओर काम किया है।  पिछले चार वर्षों में किसानों को एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा मिला है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत लगभग 11.74 करोड़ किसानों को सीधे उनके बैंक खाते में लगभग 2.25 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए, जिससे उनकी खेती-किसानी की जरूरतें पूरी हो सकें।  किसानों को 22 करोड़ स्वायल हेल्थ कार्ड वितरित किए गए। इस अभियान से कृषि उत्‍पादन भी बढ़ा है। मोदी सरकार का कृषि बजट पांच गुना बढ़ गया है। हर वर्ष कृषि पर 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जा रहे हैं।

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